उत्तराखण्ड

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच परिसंपत्तियों के बटवारे को लेकर बैठक में होगी चर्चा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच गुरुवार को परिसंपत्तियों के बटवारे को लेकर बैठक में चर्चा होगी। चर्चा के केंद्र में सिंचाई, ऊर्जा, परिवहन, कृषि, आवास-विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, वन व कृषि विभाग के लंबित मसले रहेंगे। इस दौरान कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, मुख्य सचिव एसएस संधु और सचिव पुनर्गठन रणजीत सिन्हा भी मौजूद रहेंगे।

उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से ही परिसंपत्तियों के बटवारे का मसला अभी तक नहीं सुलझ पाया है। इसे लेकर समय-समय पर मुख्यमंत्री से लेकर सचिव स्तर तक की बैठकें हो चुकी हैं। इस विषय में अंतिम बैठक अगस्त 2019 में हुई थी। इस बैठक के दौरान कई मसलों पर सहमति बनी थी, लेकिन इनमें से अधिकांश धरातल पर नहीं उतर पाए। सिंचाई विभाग के अंतर्गत हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और चम्पावत में तकरीबन 1315 हेक्टेयर भूमि पर फैसला होना है। इसके साथ ही 351 भवनों के हस्तांतरण पर सहमति के बावजूद उत्तराखंड को यह भवन नहीं मिले हैं। हरिद्वार में सिंचाई के लिए गंगनहर से 665 क्यूसेक जल उपलब्ध कराने के संबंध में उत्तर प्रदेश ने सहमति नहीं दी है। किच्छा में सिंचाई विभाग की 0.346 हेक्टेयर भूमि को उत्तराखंड के नाम दर्ज किए जाने के संबंध में निर्णय होना शेष है।

ऊर्जा निगम में मनेरी-भाली जलविद्युत परियोजना के निर्माण के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम से 420 करोड़ रुपये का ऋण लिया गया था। इसका उपयोग अन्य कार्य के लिए हुआ। यह धनराशि भी उत्तराखंड को देनी है। इस पर फैसला होना बाकी है। रामगंगा बांध, शारदा नहर, खटीमा विद्युत गृह, मोहम्मदपुर विद्युत गृह में विद्युत उत्पादन में हो रही परेशानी का मसला भी बैठक में रखा जाएगा।

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने उत्तराखंड परिवहन निगम को अभी तक यात्री कर का 36 करोड़ रुपये नहीं दिया है। इसके अलावा अभी तक नई दिल्ली, अजमेरी गेट राज्य अतिथि गृह, लखनऊ स्थित मुख्यालय एवं कार सेक्शन और कानपुर स्थित केंद्रीय कार्यशाला से उत्तराखंड का हिस्सा नहीं मिला है। उत्तराखंड में उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की परिसंपत्तियों के बटवारे के फार्मूले पर भी निर्णय होना बाकी है। उत्तर प्रदेश वन निगम ने उत्तराखंड वन निगम को सहमति के बावजूद अभी तक 77.31 करोड़ का भुगतान नहीं किया है। कृषि विभाग में उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम और उत्तराखंड बीज एवं तराई बीज निगम के बीच लेखों के मिलान का मसला अभी तक लंबित है। माना जा रहा है कि गुरुवार को होने वाली बैठक में उत्तराखंड इन सभी मसलों को उत्तर प्रदेश के समक्ष उठाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button