Uncategorized

इस संस्थान के छात्र खरीद रहे पीने का पानी, पढ़िए

देहरादून। पटेलनगर स्थित जीआइएचएम (राजकीय होटल मैनेजमेंट संस्थान) बुरे दौर से गुजर रहा है। यहां पिछले एक सप्ताह से ट्यूबवेल खराब होने से पानी का संकट बना हुआ है। पीने का पानी तो छात्र-छात्रएं खरीद रहे हैं। मगर, प्रैक्टिकल में उपयोग होने वाले पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। यही नहीं, यहां साफ-सफाई के लिए भी पानी उपलब्ध नहीं है, ऐसे में छात्र-छात्रओं के साथ ही स्टाफ को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति पिं्रसिपल के लंबी छुट्टी पर जाने और प्रभारी प्रिंसिपल के पास वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार न होने से उत्पन्न हुई है।

जीआइएचएम में देशभर के 167 छात्र-छात्रएं होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर रहे हैं। संस्थान के परिसर में ही छात्र और छात्रओं के लिए हॉस्टल भी बना हुआ है। जहां 40 से ज्यादा छात्र-छात्रएं रहते हैं। इसके अलावा पांच स्टाफ के परिवार भी परिसर में रहते हैं। संस्थान की प्रिंसिपल का प्रभार संयुक्त निदेशक डॉ. आभा भट्ट के पास है। डॉ. भट्ट पिछले एक माह से अवकाश पर हैं।

संस्थान का ट्यूबवेल खराब होने से उसकी मरम्मत के लिए बजट नहीं है। वित्तीय और प्रशासनिक पावर प्रिंसिपल के पास ही है। ऐसे में मौजूदा स्टाफ व्यवस्था को पटरी पर लाने में अक्षम हैं। इससे छात्रवास और दफ्तरों में एक सप्ताह से पानी का संकट बना हुआ है। पीने के पानी के अलावा अन्य कार्यो के लिए उपयोग होने वाला पानी की आपूर्ति ठप होने से छात्र-छात्रओं के साथ स्टाफ भी परेशान है। पानी के अभाव में हॉस्टल के बाथरूम, शौचालय, लैब और किचन में गंदगी फैली है। इससे बीमारियां फैलने का डर भी बना हुआ है।

सोशल मीडिया का लिया सहारा: प्रबंधन को लिखित और मौखिक रूप से अवगत कराने के बावजूद जब समस्या का समाधान न हुआ तो छात्र-छात्रओं ने व्हाट्सएप, फेसबुक, यूट्यूब आदि पर गंदगी और संस्थान के हालात को बयां करती तस्वीरें वायरल कीं और मदद भी मांगी।

प्रिंसिपल के छुट्टी पर जाने से स्टाफ का वेतन भी अटका

जीआइएचएम पटेलनगर की प्रिंसिपल लंबे अवकाश पर हैं और यहां स्टाफ का वेतन भी लटक गया है। उपनल कर्मियों को जहां तीन माह से वेतन नहीं मिला। वहीं, स्थायी कर्मचारियों को अभी तक फरवरी का वेतन नहीं मिल पाया है। राजकीय होटल मैनेजमेंट संस्थान में करीब 60 से ज्यादा उपनल और स्थायी कर्मचारी तैनात हैं। प्रभारी प्रिंसिपल डॉ. आभा भट्ट एक माह से अवकाश पर हैं। ऐसे में उपनल कर्मचारियों को तीन माह और स्थायी कर्मचारियों को एक माह से वेतन नहीं मिल पाया। अब आधा मार्च बीत गया है।

20 मार्च तक ट्रेजरी को बिल जाने जरूरी हैं। वहीं, प्रिंसिपल के होली के बाद ही लौटने की सूचना है। ऐसे में कर्मचारियों का मार्च का वेतन लटकना भी तय माना जा रहा है। हालांकि, वेतन और अन्य व्यवस्थाओं से चिंतित कर्मचारियों का एक दल मंगलवार दोपहर गढ़ी कैंट स्थित निदेशक पर्यटन से मुलाकात करने पहुंचा और उन्हें स्थिति से अवगत कराया। शिष्टमंडल में शामिल प्रभारी प्रिंसिपल पीसी थपलियाल, वार्डन बीडी सती, कैलाश नेगी, पीके जखोला, आरडी भट्ट आदि ने कहा कि जल्द वित्तीय और प्रशासनिक पावर दूसरों को हस्तांतरित न हुई तो कर्मचारियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

प्रभारी प्रिंसिपल पीसी थपलियाल का कहना है कि बजट के अभाव में ट्यूबवेल ठीक नहीं हो रहा है। छात्र-छात्रओं की समस्या जायज है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है। प्रिंसिपल छुट्टी पर होने से वित्तीय दिक्कतें आ रही हैं। छात्रों के साथ स्टाफ भी परेशान है।

निदेशक पर्यटन नरेंद्र सिंह मामले को लेकर कहते हैं कि कर्मचारियों ने मुलाकात कर अपनी समस्या रखी। प्रिंसिपल अभी लंबी छुट्टी पर हैं। ऐसे में वित्तीय और प्रशासनिक पावर किसी दूसरे को दिए जाने की कार्रवाई चल रही है। अपर सचिव पर्यटन के समक्ष यह मामला रखा जाएगा। ताकि समस्या का जल्द समाधान हो सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button