उत्तराखण्ड

देहरादून प्रदेश भाजपा कोर ग्रुप की बैठक से शुरू, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को दिल्ली बुलाए जाने से राजनीतिक हलचल और तेज हो गई

राज्य ब्यूरो, बतौर पर्यवेक्षक भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह की मौजूदगी में शनिवार को बगैर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के देहरादून में प्रदेश भाजपा कोर ग्रुप की बैठक से शुरू हुई राजनीतिक हलचल सोमवार को पार्टी नेतृत्व द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिल्ली बुलाए जाने से और तेज हो गई। इसी के साथ प्रदेश सरकार में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अटकलों ने भी जोर पकड़ लिया। सोमवार शाम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुख्यमंत्री ने मुलाकात की। साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख व राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी के आवास पर जाकर उनसे भी भेंट की। वहीं, मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दिल्ली से देहरादून के लिए रवाना हुए।

सोमवार शाम सभी मंत्री और विधायकों को दिल्ली आने का फरमान जारी किया गया, फिर बाद में उन्हें मंगलवार को देहरादून पहुंचने को कहा गया। हालांकि उत्तराखंड भाजपा के मुख्य प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान ने मंगलवार को देहरादून में विधानमंडल दल की बैठक बुलाए जाने से इनकार किया है। महाराष्ट्र के राज्यपाल एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी से भी मंगलवार को भाजपा नेतृत्व उत्तराखंड के मसले पर चर्चा करेगा। इससे उत्तराखंड भाजपा में किसी बड़े घटनाक्रम के संकेत साफ नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि मंगलवार को दिल्ली में होने वाली भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में उत्तराखंड को लेकर फैसला ले लिया जाएगा। नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच नए मुख्यमंत्री के रूप में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज व सांसद अजय भट्ट के नाम चर्चा में हैं। उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने फिर दोहराया कि सरकार में नेतृत्व परिवर्तन का कोई सवाल नहीं।

ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में बजट सत्र के दौरान शनिवार को सत्ता के गलियारों में तब हलचल हुई, जब प्रदेश भाजपा कोर ग्रुप की बैठक शाम चार बजे देहरादून में बुलाई गई। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह बैठक के लिए पर्यवेक्षक के रूप में उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम के साथ देहरादून पहुंचे। कोर ग्रुप सदस्यों से फीडबैक लेकर रमन सिंह शनिवार शाम ही दिल्ली रवाना हो गए।

सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र को गैरसैंण में महिला दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करनी थी, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर उन्हें गैरसैंण की बजाय सुबह 11 बजे दिल्ली रवाना होना पड़ा। सूत्रों के मुताबिक कोर ग्रुप की बैठक की रिपोर्ट रमन सिंह व दुष्यंत कुमार गौतम ने पार्टी नेतृत्व को सौंपी। इसी के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र को दिल्ली बुलाया गया। उधर, उत्तराखंड से 20 से ज्यादा भाजपा विधायक व कुछ मंत्री सोमवार दोपहर तक दिल्ली पहुंच चुके थे। दिल्ली पहुंचकर मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह केंद्रीय नेताओं से मुलाकात के लिए दिल्ली आए हैं। विधायकों के दिल्ली आने पर उन्होंने इसे सामान्य बात करार दिया। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री अमित शाह से भी समय मांगा है। इस राजनीतिक घटनाक्रम में एक महत्वपूर्ण मोड़ यह भी रहा कि भाजपा नेतृत्व ने उत्तराखंड को लेकर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भी चर्चा करने का फैसला किया।

सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में मौजूद भाजपा विधायक भी केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात की कोशिश कर रहे हैं। सोमवार को एक अहम घटनाक्रम के तहत शाम लगभग चार बजे देहरादून और राज्य के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद सभी मंत्रियों और विधायकों को दिल्ली बुला लिया गया। देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट से कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के साथ ही आधा दर्जन से ज्यादा विधायक रात्रि आठ बजे दिल्ली रवाना हुए। कई मंत्री व विधायक सड़क मार्ग से भी दिल्ली गए। इसी बीच यह जानकारी सामने आई कि सभी विधायकों को दिल्ली की बजाय मंगलवार को देहरादून पहुंचने को कहा गया है। सूत्रों के अनुसार देहरादून में मंगलवार शाम मुख्यमंत्री आवास पर विधायकों की बैठक होगी। दूसरी तरफ, सोमवार देर रात मुख्यमंत्री के दिल्ली स्थित आवास पर मीडिया से बातचीत में उत्तराखंड भाजपा के मुख्य प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान कहा कि मंगलवार को देहरादून में विधानमंडल दल की कोई बैठक नहीं बुलाई गई है। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री के कामकाज को लेकर विधायकों या कार्यकर्त्‍ताओं में किसी तरह की नाराजगी नहीं है।

दिल्ली में मंगलवार को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि इसके बाद संसदीय बोर्ड की बैठक भी होगी, जिसमें उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन और नए नेता के नाम पर मुहर लगाई जा सकती है। इसके बाद देहरादून में विधान मंडल दल की बैठक होगी।

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