national

भड़काऊ भाषण देने वाला शरजील इमाम का पीएफआइ से कनेक्शन निकला

राजद्रोह और भड़काऊ भाषण देने में गिरफ्तार शरजील इमाम का पीएफआइ (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) से कनेक्शन है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दावा किया है कि पूछताछ में शरजील के वाट्सएप चैट से पता चला है कि विवादित संगठन पीएफआइ के संपर्क में था। हालांकि अधिकारी इस मामले पर अभी खुलकर कुछ नहीं कह रहे हैं।

क्राइम ब्रांच ने बताया कि शरजील स्वभाव से बेहद कट्टर है। पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश व दिल्ली में राजद्रोह का मुकदमा दर्ज होने की जानकारी के बावजूद उसके चेहरे पर शिकन नहीं है। वह पुलिस अधिकारियों के हर सवाल के जवाब में बहकी-बहकी बातें कर रहा है। बार-बार देश विरोधी बातें बोल रहा है। शरजील को क्राइम ब्रांच के चाणक्यपुरी स्थित इंटर स्टेट सेल के दफ्तर ले जाया गया। वहां स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने करीब दो घंटे तक पूछताछ की।

स्पेशल सेल सूत्रों के मुताबिक, शरजील हाइली रेडिकलाइज्ड (कट्टर) है। उसकी जुबान जहर उगलती है। सेल व क्राइम ब्रांच के अधिकारी उसके जवाब से हैरान हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि शरजील के दिमाग में देश के प्रति ऐसा जहर किसने भरा है। सेल व क्राइम ब्रांच की टीम इमाम के मोबाइल फोन का कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकालकर पता लगाएगी कि इसके कितने साथी व खास परिचित हैं। ताकि उनसे पूछताछ कर जानकारी ली जा सके।

लगातार देश विरोधी बातें कर रहा शरजील

क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक शरजील लगातार देश विरोधी बातें कर रहा है। 13 दिसंबर को सबसे पहले इसी ने सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) के खिलाफ जामिया में हुए प्रदर्शन में देश विरोधी भाषण दिया था और समुदाय विशेष के छात्रों व स्थानीय लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काया था। शाहीन बाग धरने का भी मास्टरमाइंड यही है। दिल्ली के बाद देशभर में सीएए को लेकर जितने भी विरोध प्रदर्शन हुए वहां यह मुख्य वक्ता बनकर लोगों को भड़काने का काम किया। सेल यह भी पता लगा रही है कि इसे पीएफआइ से फं¨डग तो नहीं हो रही है।

आवाज के नमूने फॉरेंसिक साइंस लैब भेजे गए

शरजील को रिमांड पर लेने के बाद क्राइम ब्रांच ने उसके आवाज के नमूने भी लिए और जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लैब में भेज दिया। आवाज के नमूने से क्राइम ब्रांच वीडियो की आवाज से मिलान करेगी। कोर्ट में सबसे अहम सुबूत के तौर पर इसी को रखा जाएगा। देशद्रोह मामले की जांच अधिकतर स्पेशल सेल ही करती है। इस केस के भी स्पेशल सेल में ट्रांसफर होने की संभावना है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button