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पाकिस्‍तान घुटने टेकने पर हुआ विवश, भारत के साथ संबंधों को मधुर बनाने का दिलाया भरोसा

वाशिंगटन । पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत की जबरदस्‍त कूटनीतिक दबाव के चलते पाकिस्‍तान घुटने टेकने को विवश हो गया है। मंगलवार को पाकिस्‍तान ने अमेरिका को यह भरोसा दिलाया है कि वह भारत के साथ अपने संबंधों को मधुर करेगा। इसके लिए पाक अपने देश में सक्रिय आतंकवाद के खिलाफ सख्‍त कदम उठाएगा। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी और अमेरिका के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्‍टन को फोन पर हुई वार्ता के बाद ट्वीट पर इस जानकारी को साझा किया है।
खास बात यह है कि बोल्‍टन और कुरैशी के बीच फोन पर यह वार्ता ऐसे वक्‍त हुई है, जब भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले वाशिंगटन में ही मौजूद हैं। गोखले की मुलाकात अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो से हो रही है।

उम्‍मीद की जा रही है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद दोनों नेता भारत-पाकिस्‍तान के बीच उपजे तनाव को कम करने के लिए चर्चा करेंगे। ऐसे में जाहिर है कि भारत निश्चित रूप से पाकिस्‍तान से आतंकवादी संगठनों को खत्‍म करने का आश्‍वासान चाहेगा। पाकिस्‍तान विदेश मंत्री और बोल्‍टन की फोन पर हुई वार्ता को इस कड़ी से जोड़ कर देखा जा रहा है।
उधर, बोल्‍टन ने बताया कि जैश-ए-मुहम्‍मद और अन्‍य आतंकवादी समूहों के खिलाफ सार्थक कदमों को प्रोत्‍साहित करने के लिए पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री से वार्ता हुई है। उन्‍होंने कहा कि कुरैशी ने मुझे भरोसा दिलाया है कि वह पाकिस्‍तान से आतंकवादियों से दृढ़ता से निपटेगा। बोल्‍टन ने कहा कि कुरैशी ने कहा कि पाकिस्‍तान, भारत के साथ तनावों को कम करने की पहल करेगा। इस बीच गोखले अपनी आधिकारिक यात्रा के पहले दिन सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से मुलाकात की।

अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता रॉबर्ट पल्‍लीनों ने कहा कि पोमिपओ और भारतीय विदेश सचिव ने पुलवामा आतंकी हमले के लिए जिम्‍मेदार लोगों को देश में लाने और पाकिस्‍तान में सक्रिय आतंववादी संगठनों के खिलाफ सार्थक कार्रवाई  करने पर भी खास चर्चा हुई। पोम्पिओ ने पुष्टि की है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका हर तरीके से भारत के लोगों के सा‍थ खड़ा है। उन्‍होंने कहा कि- आतंकवाद के खिलाफ आपस में और सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई।
बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले में भारतीय सुरक्षा बल के 40 जवान मारे गए थे। इस हमले की जिम्‍मेदारी पाकिस्‍तान में सक्रिय आतंवकवादी संगठन जैश ए मुहम्‍मद ने ली थी। इसके बाद भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्‍तान के अंदर बलाकोट में जैश के आतंकी शिविर को निशाना बनाते हुए एक आतंकवाद-रोधी अभियान चलाया। इसके बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी तनाव है।

 

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