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सुरक्षाकर्मी से भीख मांगती रही मां,बॉर्डर पार करने के लिए

बॉर्डर पार करने के लिए सुरक्षाकर्मी से भीख मांगती रही मां, फोटो हुई वायरल

बेहतर जिंदगी की तलाश में हर साल बड़ी संख्या में मध्य अमेरिकी देशों के शरणार्थी मेक्सिको के रास्ते अमेरिका पहुंचने का प्रयास करते हैं। ऐसी कोशिशों में कई कामयाब हो जाते है, कुछ सुरक्षाकर्मियों के द्वारा पकड़े जाते हैं और कई ऐसे भी हैं जो मारे जाते है। मैक्सिकन बॉर्डर से दिल को झकझोर देने वाली एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो शरणार्थियों के हालात को बयां कर रही है।

तस्वीर में दिख रहा है कि घुटनों के बल बैठी एक मां रोते हुए मैक्सिकन नेशनल गार्ड के जवान से बॉर्डर पार करने की गुहार लगा रही है। ये तस्वीर रायटर के फोटोग्राफर जोस लुइस गोंजालेज द्वारा सोमवार को खिंची गई थी। फोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। दिल को झकझोर देने वाली ये तस्वीर मैक्सिको की है, जहां महिला अपने 6 साल के बच्चे के साथ मैक्सिकन बॉर्डर पार कर अमेरिका जाने देने की प्रर्थना कर रही है।

दरअसल, मां और बेटे दोनों ग्वाटेमाला से लगभग 2 हजार 410 किमी की दूरी तय कर मैक्सिको के सीमावर्ती शहर सियूदाद जुआरेज़ (Ciudad Juarez) पहुंचे थे। दोनों बेहतर भविष्य के लिए बॉर्डर पार कर अमेरिका जाने चाहते थे, लेकिन बॉर्डर के महज चंद कदम की दूरी पर ही उन्हें सुरक्षाकर्मियों के द्वारा रोक लिया गया। सुरक्षाकर्मियों ने उसे बॉर्डर पार करने नहीं दिया।

फोटोग्राफर जोस लुइस ने बताया कि महिला नेशनल गार्ड के जवान से रो-रो कर बॉर्डर पार करने देने की भीख मांग रही थी। वह अपने बेटे के बेहतर भविष्य के लिए सरहद पार कर अमेरिका जाना चाहती थी। महीला करीब 9 मिनट तक अपने वेटे के साथ नेशनल गार्ड के जवान से गुहार लाती रही, लेकिन वो कामयाब नहीं हो सकी।

बता दें कि नेशनल गार्ड के लगभग एक तिहाई सैनिकों को सीमा पर गश्त करने का काम सौंपा गया है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ग्वाटेमाला से आ रहे शरणार्थियों को रोकने के लिए मैक्सिकन राष्ट्रपति से मांग की थी। वहीं, पूर्व मैक्सिकन राष्ट्रपति फेलिप काल्डेरोन ने तस्वीर को रीट्वीट करते हुए लिखा है कि मैक्सिको को कभी भी यह स्वीकार नहीं करना चाहिए था।

अमेरिका के सीमा अधिकारियों ने इस साल मेक्सिको से लगती दक्षिणी सीमा पर करीब छह लाख 64 हजार शरणार्थी पकड़े। अकेले मई में ही एक लाख 44 हजार शरणार्थी पकड़े गए थे। हालांकि मई के बाद शरणार्थियों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।

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