उत्तराखण्ड

उत्तराखंड में सोमवार और मंगलवार को मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की

उत्तराखंड में बारिश से राहत के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार के लिए भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इसके बाद शासन ने जिलाधिकारियों के साथ ही आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों को हाई अलर्ट पर रखा है। इस बीच दुश्वारियों का दौर जारी है। चार धाम यात्रा मार्गों पर मलबा आने से यातायात बाधित होने का क्रम बना हुआ है।

रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी में क्रमश: केदारनाथ, बदरीनाथ व गंगोत्री हाईवे बंद हैं। वहीं, पिथौरागढ़ में चीन सीमा को जोड़ने वाले मार्गों पर भी आवाजाही नहीं हो पा रही है। केदारनाथ में मौसम साफ है। वहीं, गौरीकुंड हाईवे बांसवाड़ा व कुंड में चल रहा अवरुद्ध। चमोली में राष्ट्रीय राजमार्ग बदरीनाथ हाईवे क्षेत्रपाल में खुल गया है। नंदप्रयाग-घाट रूट भी खुल गया है। राष्‍ट्रीय राजमार्ग फिलहाल पूर्ण रूप से खुला है। मंडल-चोपता व गोपेश्वर-हाफला रूट अभी भी बंद है। वहीं, टिहरी में ऋषिकेश-गंगोत्री राजमार्ग नागणी के पास मलबा आने से बंद है। शाम तक मार्ग खुलने की उम्मीद है। जिले में 6 लिंक रोड भी बंद है। वहीं, अभी हल्की बारिश जारी है।

आधी रात तक जागा दून 

शनिवार देर शाम भारी बारिश से देहरादून में लोग डरे-सहमे रहे। पांच घंटे तक चली बारिश से शहर में जलभराव हो गया। घरों में पानी घुस गया और कीमती सामान खराब हो गया। कई जगह चहारदीवारी क्षतिग्रस्त हो गईं, पेड़ और बिजली के पोल भी धराशायी हो गए। आधे शहर में बिजली गुल हो गई। मौसम विभाग के अनुसार पांच घंटों में शहर में 160 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। सर्वाधिक बारिश शहर के करनपुर क्षेत्र में 172 मिमी रिकार्ड की गई, जबकि घंटाघर पर एक घंटे में 97 मिमी बारिश हुई। रिस्पना और बिंदाल नदी के साथ ही नालों में उफान आने से लोग देर रात तक जागते रहे। रातभर फायर ब्रिगेड और नगर निगम के वाहन शहर में इधर से उधर दौड़ते रहे। ऋषिकेश में सौंग नदी के उफान से रायवाला क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। नदी के किनारे बने अस्थायी तटबंधों को भी नुकसान पहुंचा है।

दून मेडिकल कॉलेज में भी पानी ही पानी

कोविड अस्पताल बनाए गए दून मेडिकल कालेज अस्पताल में भी शनिवार रात मरीजों पर भारी गुजरी। अस्पताल के पास नाला चोक होने से पानी इमरजेंसी और वार्ड में घुस गया। हालत यह थी निचले तल में करीब तीन फीट पानी था। इस पर अस्प्ताल के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ एनएस खत्री मौके पर पहुंचे और मरीजों को प्रथम तल पर शिफ्ट कराया। हालांकि सुबह तक हालात सामान्य हो गए थे।

प्रदेश में सौ से ज्यादा सड़कें बंद

सड़कों पर भूस्खलन की मार जारी है। चारधाम यात्रा मार्गों के साथ ही 100 से ज्यादा संपर्क मार्ग मलबा आने से बंद हैं। इनमें से 50 सड़कें गढ़वाल मंडल और 54 कुमाऊं मंडल में हैं।

कुमाऊं में भी जनजीवन अस्त-व्यस्त

बारिश से कुमाऊं के पिथौरागढ़, चम्पावत, अल्मोड़ा व बागेश्वर में जनजीवन अस्त-व्यस्त है। रामगंगा नदी का जलस्तर बढऩे से नाचनी में पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले को जोडऩे के लिए लगाई गई ट्रॉली डूब गई। थल में नदी किनारे बनाया गया विश्रामालय भी डूब गया। धारचूला में काली नदी चेतावनी रेखा के पार बह रही है। चम्पावत में मलबा आने से चम्पावत-टनकपुर हाईवे बंद हो गया है।  बागेश्वर में भूस्खलन से पोल गिर गए। इससे 236 गांवों की बिजली सप्लाई ठप हो गई। ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता भास्कर पांडे ने बताया कि मरम्मत शुरू कर दी गई है। जल्द ही सप्लाई बहाल कर दी जाएगी।

सीएम का दौरा रद

लगातार बारिश के कारण मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का पिथौरागढ़ दौरा रद करना पड़ा। मुख्यमंत्री को यहां आपदा प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण करना था।  शनिवार को मुख्यमंत्री स्वतंत्रता दिवस समारोह में शिरकत करने चमोली जिले में स्थित प्रदेश की ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैंण में थे। रविवार को वह सीधे देहरादून लौट आए।

ताल में डूबने से दो किशोरियों की मौत 

बारिश के बीच पिथौरागढ़ के सिमली गांव की दो किशोरियों की बरसाती नदी में डूबने से मौत हो गई। दोनों अपने ननिहाल आई थीं। शनिवार दोनों किशोरियां गांव की एक अन्य किशोरी के साथ पास के ताल में नहाने गईं। बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों दलदल में फंस गई। साथ की किशोरी ने गांव में आकर घटना की सूचना दी तो कुछ युवक उन्हें बचाने दौड़े, लेकिन तब तक वे डूब चुकीं थीं।

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