अयोध्या के आसपास के जिलों में भी व्यवस्था कड़ी, परिंदा भी पर न मार सके
उत्तर प्रदेश में जब कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है, तब आने वाले सप्ताह में यूपी पुलिस के लिए चौतरफा परीक्षा है। खासकर अयोध्या में पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन के दृष्टिगत आईबी समेत अन्य केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की प्रदेश में गतिविधियां बढ़ गई हैं। पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा और जैश ए मुहम्मद के आतंकियों के श्रीराम मंदिर भूमि पूजन से पहले अयोध्या में हमले के इनपुट मिलने के बाद से खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी पैनी नजर यहां और सख्ती से गड़ा दी है। सूत्रों का कहना है कि 300 से अधिक नंबर खुफिया एजेंसियों के रडार पर आ चुके हैं। कई स्तर पर मॉनीटरिंग के साथ सेटेलाइट के जरिए भी यूपी में नजर रखी जा रही है। सेना की इंटेलीजेंस विंग ने भी सूबे में अपनी सक्रियता खासी बढ़ा दी है। सोशल मीडिया की गतिविधियों की उच्च स्तरीय निगरानी भी की जा रही है। अयोध्या और आसपास के जिलों में तेज-तर्राक अफसरों की तैनाती कर अपने पर्यवेक्षण में अचूक सुरक्षा इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें स्थानीय अधिकारियों का मार्गदर्शन करने और गहन समीक्षा कर पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या आने से पहले उत्तर प्रदेश पुलिस अचूक सुरक्षा घेरा बनाने में जुटी है। इस कड़ी में अयोध्या के आसपास के जिलों में भी ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि कहीं से परिंदा भी पर न मार सके। सुरक्षा का अभेद्य किला बनाने के लिए अनुभव को वरीयता दी जा रही है। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने अयोध्या के आसपास के नौ जिलों में एडीजी से डीआईजी स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की है। सभी अधिकारी बुधवार से छह अगस्त तक अपने-अपने जिलों में डेरा जमाकर सुरक्षा गतिविधियों की कमान संभालेंगे।
यूपी के पुलिस व प्रशासन के अधिकारी सतर्क : कानपुर कांड के बाद अपहरण समेत अन्य संगीन घटनाओं के चलते सूबे में कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर पुलिस पहले ही लगातार मुश्किलों का सामना कर रही है। अब बकरीद व रक्षा बंधन के त्योहारों पर सुरक्षा-व्यवस्था की बड़ी चुनौती के बाद पांच अगस्त को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिक्योरिटी का बड़ा टास्क है। इन चुनौतियों को देखते हुए डीजीपी मुख्यालय स्तर से सभी जोन में अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि हर स्तर पर सुरक्षा-व्यवस्था के कड़े निर्देश दिए गए हैं। नियमित मॉनीटरिंग भी की जा रही है।
बकरीद व रक्षा बंधन से पीएम के आगमन तक अलर्ट : संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन कैमरों से निगरानी समेत सभी प्रमुख स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए जाने की तैयारी है। बकरीद व रक्षा बंधन के निपटने के तत्काल बाद ही प्रधानमंत्री के आगमन का कार्यक्रम है। हालांकि प्रधानमंत्री के आगमन का फाइनल प्रोग्राम 30 जुलाई तक जारी होने की उम्मीद है। इससे पहले पुलिस सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर अपनी तैयारियों में जुटी है। जल्द एसपीजी व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच समन्वय बैठक भी होनी है। पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के लिए आने वाले दिनों में दोहरी परीक्षा की घड़ी है। दूसरी ओर पुलिसकर्मियों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले भी कम मुसीबत नहीं रहे हैं।
अयोध्या के आसपास के नौ जिलों में वरिष्ठ अफसरों का डेरा : डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने अयोध्या के आसपास के नौ जिलों में एडीजी से डीआइजी स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की है। सभी अधिकारी बुधवार से छह अगस्त तक अपने-अपने जिलों में डेरा जमाकर सुरक्षा गतिविधियों की कमान संभालेंगे। बकरीद के त्योहार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या आगमन के लिहाज से आने वाले दिन पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण हैं। ऐसे में कानून-व्यवस्था व अपराध नियंत्रण के लिए एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय अमेठी में रहकर स्थानीय पुलिस अधिकारियों का मार्गदर्शन करेंगे। सभी पुलिस प्रबंधों की समीक्षा व उनका अनुपालन कराने की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। ऐसे ही एडीजी यातायात गोंडा, एडीजी/आईजी पीएसी मध्य जोन रामकुमार बहराइच, आईजी फायर सर्विस विजय प्रकाश सुलतानपुर, आइजी प्रतीक्षारत पीयूष मोर्डिया अंबेडकरनगर, आईजी बस्ती परिक्षेत्र एके राय बस्ती, आईजी भर्ती बोर्ड विजय भूषण बाराबंकी, डीआईजी पीटीएस उन्नाव चंद्र प्रकाश- द्वितीय महाराजगंज व डीआईजी प्रशासन आरके भारद्वाज सिद्धार्थनगर की कमान संभालेंगे। सभी अधिकारी रोज डीजीपी मुख्यालय को अपने जिलों की रिपोर्ट भी उपलब्ध कराएंगे।