उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक वाराणसी में, कल कई विभागों की समीक्षा करने के बाद आज दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल पहुंचे
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को बीमारी से उबारने के बड़े अभियान में लगे उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का औचक निरीक्षण जारी है। लखनऊ, बाराबंकी तथा सीतापुर के बाद अब वाराणसी की बारी है। ब्रजेश पाठक वाराणसी के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल की व्यवस्था परखने स्वयं ही काले रंग की स्कार्पियो ड्राइव करके पहुंचे।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यक्रम सरकार अब जनता के द्वार के तहत वाराणसी मंडल के प्रभारी बनाए गए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक शुक्रवार से वाराणसी में हैं। कल कई विभागों की समीक्षा करने के बाद आज दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल पहुंचे। वाराणसी से आज चंदौली जाने से पहले ही वह स्वयं ही गाड़ी चलाकर दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल की व्यवस्था की जांच करने पहुंच गए। उनको गाड़ी ड्राइव करते देख किसी को यकीन भी नहीं हुआ और चेहरे पर मास्क लगा होने के कारण कोई उनको पहचान भी नही सका।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस दौरान दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में लाइन में लगकर अपना पर्चा भी बनवाया। वाराणसी के पंडित दीन दयाल उपाध्याय का उप मुख्यमंत्री ने आज औचक निरीक्षण किया। अस्पताल के कई विभागों का पैदल ही भ्रमण कर उन्होंने निरीक्षण किया। वहां पर उन्होंने निरीक्षण के दौरान मौजूद डाक्टर्स को कई सुधार कर दिशा निर्देश दिया।
सीएमएस आफिस पहुंचकर उन्होंने ड्यूटी रजिस्टर चेक किया। गैर हाजिर कर्मचारियों का ब्यौरा लिया। इसके बाद डेंटल विभाग में मशीन पर धूल देख काफी नाराजगी व्यक्त की और डाक्टर को चेतावनी दी। ओपीडी का निरीक्षण करने के दौरान डाक्टर्स से वार्ता कर रहे मरीजों से बातचीत की।
इसके बाद ट्रामा सेंटर में मरीजों से बात करते हुए दो वर्ष पहले से ही बंद पड़े ओपीडी के बंद होने पर नाराजगी जताई। डिजिटल एक्स-रे कक्ष में ताला बंद होने पर सीएमएस को कड़ी फटकार लगाई। जन औषधि केंद्र में दवाओं के बारे में जानकारी ली। इसके बाद सीएमएस डा. आर के सिंह को अस्पताल में सुधार लाने की सलाह देने के साथ आगे बड़ी कार्रवाई की अंतिम चेतावनी दी।
उपमुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने अस्पताल के शौचालय में गंदगी देखकर नाराजगी व्यक्त की। साथ ही ब्लड बैंक, पैथोलॉजी, एक्सरे, ओपीडी, फिजियोथैरेपी सहित लगभग सभी विभागों की जानकारी ली। इस निरीक्षण के साथ ही डॉक्टरों से जन औषधि की दवाई लिखने की बात कही और जो ना माने उस पर तुरंत कार्रवाई करने की हिदायत भी दी।