उत्तराखण्ड

अनशन पर बैठी बीपीएड प्रशिक्षित ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को खून से लिखी पाती

देहरादून। लंबे अर्से से प्राथमिक विद्यालय व इंटर कॉलेजों में नियुक्ति की मांग कर रहे बीपीएड/एमपीएड प्रशिक्षित बेरोजगार संगठन ने अब आंदोलन को बड़े स्तर पर ले जाने का फैसला लिया है। पिछले छह दिन से अनशन पर बैठी बीपीएड प्रशिक्षित हंसा ने शनिवार को अपने रक्त से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र लिखा।

बीपीएड/एमपीएड बेरोजगार संगठन के बैनर तले प्राथमिक विद्यालय व प्रत्येक इंटर कॉलेजों में एनसीईआरटी की गाइडलाइन के तहत शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति की मांग को लेकर प्रशिक्षितों का परेड ग्राउंड धरना स्थल पर छठे दिन भी बेमियादी अनशन जारी रहा। लेकिन अभी तक शासन-प्रशासन ने मांगों को गंभीरता से नहीं लिया।

अनशन पर बैठी बीपीएड प्रशिक्षित के लिए मेडिकल टीम तक जांच के लिए उपलब्ध नहीं हुई है। आमरण अनशन कर रही हंसा ने शनिवार को विरोध स्वरूप अपने खून से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद नियुक्ति न मिलने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आखिर कब तक उनकी मांगों को सरकार अनसुना करेगी। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार इस दिशा में सकारात्मक कदम नहीं उठाएगी, तब तक आंदोलन नहीं थमेगा।

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश चंद्र पांडे ने कहा कि जरूरत पड़ी तो बेरोजगार एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरेंगे। इसकी जिम्मेदारी सरकार व शासन की होगी। इस अवसर पर हिमांशु राजपूत, जगदीश चंद्र, आलोक नैथानी, विजय राणा, अजरुन आदि उपस्थित रहे।

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