उत्तराखण्ड

उत्‍तराखंड की अंकिता ने छुआ आसमान,बनी पांच हजार मीटर की दौड़ में राष्ट्रीय चैंपियन

पौड़ी जिले के कोटद्वार शहर से सत्तर किमी दूर जहरीखाल ब्लाक के मेरूड़ा गांव के जिस स्कूल के खेल मैदान में अंकिता ध्यानी ने खिलाड़ी बनने का सपना देखा, उस मैदान के बीचों-बीच हाईटेंशन लाइन का विद्युत पोल लगा था। अनहोनी के डर से स्कूल के शिक्षक स्वयं ही बच्चों को इस विद्युत पोल से दूर रखते थे, लेकिन अंकिता ने अपने सपने को सच करने का जज्बा नहीं छोड़ा। तमाम तरह की बाधाएं उसके हौसले को नहीं तोड़ सकीं। मात्र 16 वर्ष की आयु में अंकिता नेशनल जूनियर स्कूल गेम्स में 1500 मीटर, तीन हजार मीटर व पांच हजार मीटर की दौड़ में राष्ट्रीय चैंपियन है। वर्तमान में भोपाल के साईं हास्टल में दौड़ की बारीकियां सीख रही अंकिता ने हाल ही में तमिलनाडु में आयोजित नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है। वह इन दिनों इंटरनेशनल स्कूल गेम्स में प्रतिभाग करने के लिए अभ्यासरत है।

पहले असफलता फिर खुद को साबित किया

मूल रूप से जहरीखाल ब्लाक के मेरूड़ा गांव निवासी महिमानंद ध्यानी व लक्ष्मी देवी की पुत्री अंकिता ने बचपन से ही एक अच्छा खिलाड़ी बनने का सपना देखा। अंकिता ने कक्षा आठ में पहली बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। वर्ष 2013-14 में रांची में संपन्न हुए स्कूल गेम्स में अंकिता ने आठ सौ व 1500 मीटर की दौड़ में प्रतिभाग किया, हालांकि, इसमें वह चौथे स्थान पर रही। 2014-15 और 2015-16 में अंकिता पुन: नेशनल स्कूल गेम्स तक पहुंची, लेकिन प्रथम तीन में स्थान नहीं बना पाई।

गांव के मैदान से भोपाल का सफर

2016-17 में अंकिता ने एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से तेलंगाना में आयोजित तीन हजार मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान पाया व इसी वर्ष यूथ फेडरेशन की ओर से बड़ोदरा में आयोजित प्रतियोगिता में पुन: तीन हजार मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान पाया। 2017-18 में अंकिता ने रोहतक में आयोजित राष्ट्रीय स्कूल गेम्स में तीन हजार मीटर की दौड़ में द्वितीय स्थान पाया। 2018-19 में ही अंकिता ने यूथ फेडरेशन की रांची में आयोजित प्रतियोगिता में 1500 मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान पाया व इसी वर्ष उत्तराखंड के रुद्रपुर में आयोजित राज्य ओलंपिक में पांच हजार मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान पाया। साथ ही पुणे में आयोजित खेलो इंडिया प्रतियोगिता में अंकिता ने 1500 व 3000 मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक हासिल किया। पुणे में आयोजित इसी प्रतियोगिता में किए गए उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उसका चयन भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआइ) हॉस्टल भोपाल के लिए हुआ।

हांगकांग नहीं जा सकी अंकिता

पुणे में आयोजित प्रतियोगिता में अंकिता ध्यानी ने उत्कृष्ट खेल का प्रदर्शन किया था, जिसके बाद उनका चयन इंटरनेशनल एथलेक्टिस चैंपियनशिप के लिए हुआ, जिसका आयोजन हांगकांग में होना था, लेकिन सरकारी सिस्टम की लचर कार्यशैली उसके अरमानों पर ग्रहण बन गई और अंकिता हांगकांग नहीं जा पाई। इसके अलावा अंकिता ने गुजरात व छत्तीसगढ़ में आयोजित प्रतियोगिताओं में भी दम दिखाया और दो-दो स्वर्ण पदक कब्जाए। इन दिनों अंकिता इंटरनेशनल स्कूल गेम्स के ट्रायल की तैयारियों में जुटी हुई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button