उत्तरप्रदेश

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- नागरिकों को ऑक्सीजन न दे पाना शर्मनाक

प्रयागराज, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से निपटने के सरकारी तौर तरीकों की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार माई वे या नो वे (मेरा रास्ता अथवा कोई रास्ता नहीं ) छोड़े और लोगों के सुझावों पर भी अमल करे। नागरिकों को ऑक्सीजन न दे पाना शर्मनाक है। इसके साथ ही, राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी करते हुए अदालत ने पूछा है कि पंचायत चुनाव के दौरान सरकार की गाइडलाइंस का पालन क्यों नहीं किया गया, जिसकी वजह से चुनाव ड्यूटी कर रहे 135 लोगों की मौत की खबर है। कोर्ट ने पूछा कि क्यों न उसके खिलाफ आपराधिक अभियोग चलाया जाए। कोर्ट ने बचे चुनाव में गाइडलाइंस का पालन का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई तीन मई को होगी।

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि कोरोना का भूत गली, सड़क पर दिन-रात मार्च कर रहा है। लोगों का जीवन भाग्य भरोसे है। भय से सड़कें, गलियां रेगिस्तान की तरह सुनसान पड़ी हैं। शहरी आबादी कोरोना की चपेट मे है। बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं और जीवन बचाने के लिए बेड की तलाश में अस्पतालों का चक्कर लगा रहे हैं। अस्पताल मरीजों की जरूरत पूरी करने में असमर्थ हैं। डॉक्टर, स्टाफ थक चुके हैं। जीवन रक्षक दवाओं , इंजेक्शन की मारामारी है। ऑक्सीजन, मांग और आपूर्ति के मानक पर खरी नहीं उतर रही। नकली दवाएं, बेचते पकड़े जा रहे हैं। सरकार के उपाय नाकाफी हैं।

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने कोरोना मामले मे कायम जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। हाई कोर्ट ने अधिक संक्रमित प्रदेश के नौ शहरों के लिए कई सुझाव दिए हैं और उन पर अमल करने तथा सचिव स्तर के अधिकारी के हलफनामे के साथ तीन मई तक अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

जिला जजों को नोडल अधिकारी तैनात करने के निर्देश : लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी,कानपुर नगर, आगरा, गोरखपुर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, व झांसी के जिला जजों को हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि वह सिविल जज सीनियर रैंक के न्यायिक अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में तैनात करें, जो शासन की कोरोना मरीजों की रिपोर्ट सप्ताहांत में महानिबंधक हाईकोर्ट को भेजें जो कोर्ट मे पेश की जाए। साथ ही कोर्ट ने सचिव (गृह) तरुण गुप्ता द्वारा उठाए गए कदमों और योजना को मानने से इन्कार कर दिया और कुछ सुझाव देते हुए अमल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने पूरे प्लान का ब्लू प्रिंट मांगते हुए चेतावनी दी है कि पेपर वर्क बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही सरकार से नौ नगरों के लेवल दो व तीन अस्पतालों के दो मई 21 को बेड की स्थिति व संख्या तथा डिमांड की जानकारी मागी है।

कोर्ट ने दिए सुझाव

  • बड़े शहरों में हेल्थ बुलेटिन जारी करे ताकि मरीजों के परिजन का अस्पताल पर दबाव न बढ़े।
  • पोर्टल पर भी अस्पतालों में बेड की स्थिति की जानकारी दी जाए।
  • एंटीजेन रिपोर्ट निगेटिव होने पर अस्पताल मरीज को भर्ती करने से मना न करे।
  • संविदा पर स्टाफ नियुक्त किए जाएं। अस्पतालों में दवा, ऑक्सीजन आदि की उपलब्धता बनी रहे।
  • डाक्टर, हेल्थ वर्कर को छह घंटे के रोटेशन पर तैनात किया जाय। अधिक कोविड सेंटर बनाए जाने पर विचार हो।
  • कोरोना की वास्तविक मौत का आंकड़ा कोर्ट के नोडल अधिकारी को दी जाए।
  • पुलिस थाना प्रभारी को अपने क्षेत्र मे गाइडलाइंस के तहत दाह संस्कार करा कर ब्योरा स्थानीय निकाय को दें।

राज्य सरकार ने कहा- संक्रमण रोकने के लिए हरसंभव उपाय : कोरोना मसले को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव उपाय किए गए हैं। गृह सचिव ने हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को किए गए उपायों की जानकारी दी है। राज्य सरकार की तरफ से दिए गए हलफनामे के अनुसार प्रदेश को 857 मीट्रिक टन आक्सीजन आवंटित हुआ है। आक्सीजन की कमी को खत्म करने के कदम उठाए जा रहे है। सप्लाई के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। मांग और आपूर्ति में अंतर पाटने का प्रयास किया जा रहा है।

अस्पतालों में बेड का बताया ब्योरा : राज्य सरकार की तरफ से दिए गए हलफनामे के अनुसार प्रदेश में 23799 आईसोलेशन बेड, 5913 आइसीयू/एसडीयू बेड बताए गए हैं। कहा गया है कि 185 लेबल दो अस्पताल हैं इसमे 8156 आइसोलेशन बेड, 3466 आइसी यू/एस डी यू बेड हैं। लेबल तीन वाले 20 अस्पताल हैं। इसके अलावा 307 प्राइवेट अस्पताल हैं जिसमें 17614 आइसोलेशन बेड, 5510 आईसीयू/एसडीयू बेड हैं। अभी 600 बेड का अस्पताल डीआरडीओ के सहयोग से बन रहा है और अप्रैल अंत तक चालू हो जाएगा।

टीकाकरण व टेस्ट की जानकारी दी : हलफनामे में जानकारी दी गई है कि अब तक 3,99,05293 टेस्ट हो चुके हैं जबकि 97,83,416 लोगों को वैक्सीन लगई जा चुकी है। इनमें 20,464 लोगों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है। राज्य के 10 जिलो में नाइट कर्फ्यू लगा है। व्यापार मंडल, वेल्फेयर एसोसिएशन व मोहल्ला निगरानी समिति के जरिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सरकार के प्रयासों से संक्रमितों की संख्या में कमी आई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button