उत्तरप्रदेश

चुनाव ड्यूटी से लौटने के बाद तमाम शिक्षक हुए संक्रमित

आगरा,  जिले में शिक्षकों की मौत का सिलसिला रुक नहीं रहा है। बुधवार को भी जिले के आधा दर्जन शिक्षकों ने दम तोड़ दिया। इनमें चार परिषदीय, एक एडेड और एक निजी पब्लिक विद्यालय के शिक्षक हैं।

गुदड़ी मंसूर खां स्थित भगत कंवर राम जूनियर हाईस्कूल में कार्यवाहक प्रधानाध्यापक मीना ग्रोवर की बुधवार को इलाज न मिलने के कारण मौत हो गई। स्वजन ने बताया कि उनकी ड्यूटी 15 अप्रैल को मतदान में लगी थी। वहां से आने के बाद से वह बीमार थीं। वह उन्हें भर्ती कराने के लिए अस्पतालों के चक्कर काटते रहे, लेकिन न बेड मिला, न आक्सीजन और न वैंटिलेटर। समय पर इलाज न मिलने के कारण तबीयत बिगड़ी और उनकी सांसें थम गई।

अछनेरा ब्लाक के रायभा प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक संजय सिंह की सांसें भी बुधवार को थम गई। स्वजन ने बताया कि चुनाव ड्यूटी के बाद से उनकी तबीयत लगातार खराब होती चली गई। इलाज भी कराया, लेकिन फायदा नहीं हुआ।

फतेहपुर सीकरी ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय कराही के सहायक अध्यापक बोहरन सिंह की सांसें भी बुधवार को साथ छोड़ गई। स्वजन ने बताया कि चुनाव ड्यूटी के बाद से वह लगातार बीमार होते चले गए। इलाज से फायदा नहीं हुआ। बेहतर सुविधाएं देने में चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर दिए।

बरौली अहीर ब्लाक के उच्च प्राथमिक विद्यालय विल्हैनी के इंचार्ज प्रधानाध्यापक विजय कुलश्रेष्ठ भी चुनाव ड्यूटी से लौटने के बाद से लगातार बीमार थे। स्वजन ने इलाज कराया, लेकिन बुधवार को उन्होंने भी दम तोड़ दिया।

अकोला ब्लाक के स्पेशल एजुकेटर सुधीर प्रियदर्शी भी संक्रमित हो गए थे, जिन्होंने बुधवार को दम तोड़ दिया।

वहीं दिल्ली पब्लिक स्कूल के स्पोर्ट्स टीचर वल्लभ सिंह भी कोरोना संक्रमित थे। इलाज के दौरान हार्टअटैक आने से उनका देहांत हो गया।

शिक्षक संघ कर रहे मतगणना टालने की मांग

यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र राठौर, उप्र सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डा. महेशकांत शर्मा, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलामंत्री ब्रजेश दीक्षिक, माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट जिलाध्यक्ष अजय शर्मा, सभी संगठनों ने पंचायत चुनाव की मतगणना स्थगित करने की मांग की है। उनका कहना है कि चुनाव ड्यूटी से लौटने के बाद तमाम शिक्षक संक्रमित हैं, तमाम काल के गाल में समा चुके हैं। वर्तमान परिस्थिति में मतगणना स्थगित होनी चाहिए, नहीं तो शिक्षकों की जान संकट में आ जाएगी।

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