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दो साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया मॉडल रोड का निर्माण कार्य, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून। पूरे प्रदेश के लिए नजीर बनाने के उद्देश्य से राजधानी में सरकार ने मॉडल रोड का निर्माण कार्य शुरू कराया था। सात किलोमीटर मॉडल रोड के निर्माण के लिए समयावधि तय की गई थी छह महीने। लेकिन हर प्रोजेक्ट की तरह इसको भी जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही का दंश झेलना पड़ रहा है। आलम यह है कि दो साल के बाद भी मॉडल रोड का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। जिससे सरकार का मॉडल रोड बनाने का सपना आज तक पूरा नहीं हो पाया है। राजधानी में ही योजनाओं का यह हाल हो रहा है तो अन्य स्थानों में योजनाओं के क्रियान्वयन की कल्पना की जा सकती है।

सरकार ने जून 2017 में राजधानी की सड़कों को मॉडल बनाने के लिए फुटपाथ, नाली और रेलिंग के प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया। शुरुआती चरण में आइएसबीटी से घंटाघर तक करीब सात किमी को मॉडल रोड के रूप में विकसित करने की योजना थी। इसके लिए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने स्वयं कमान संभाली। मंत्री ने अफसरों को इस प्रोजेक्ट को शहर के साथ प्रदेश के लिए भी नजीर बनाने के निर्देश दिए थे। शुरुआत में इसके परिणाम भी देखने को मिले। मगर, सरकार की नजर हटते ही अफसरों ने प्रोजेक्ट को पूरा करने में ढीलाई बरतनी शुरू कर दी।

नौ करोड़ के इस प्रोजेक्ट पर करीब सात करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं और अभी भी करीब 30 फीसद काम अधूरा पड़ा हुआ है। इसके अलावा जितना काम हुआ भी है, उसमें भी गुणवत्ता दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रही है। आलम यह है कि हर सौ से दो सौ मीटर के बाद नालियां खुली हुई हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। उधर, सहारनपुर रोड के दोनों तरफ मॉडल रोड की नाली और फुटपाथ की स्थिति पर नजर डालें तो गुणवत्ता की पोल खुद ही खुल जाती है। यहां फुटपाथ पर लोगों ने कब्जे किए हुए हैं।

तीन विभागों के पास जिम्मेदारी 

सरकार ने प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी लोनिवि प्रांतीय खंड, निर्माण खंड और राष्ट्रीय राजमार्ग खंड डोईवाला को दी है। मगर तीनों खंडों में से एक का काम भी पूरा नहीं हुआ।

डिजाइन पर भी उठ रहे सवाल

घंटाघर से प्रिंस चौक के बीच प्रांतीय खंड, प्रिंस चौक से निरंजनपुर मंडी तक निर्माण खंड और निरंजनपुर मंडी से आइएसबीटी तक राष्ट्रीय राजमार्ग खंड मॉडल रोड का काम कर रहे हैं। तीनों खंडों के डिजाइन से लेकर काम की गुणवत्ता भी अलग-अलग है। इससे तीनों खंडों के बीच के समन्वय पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

बनने से पहले बंद हुई नाली

मॉडल रोड की नाली बनाते समय कहीं भी सफाई नहीं की गई। नाली के ऊपर स्लैब और उसके ऊपर टाइल्स लगा दिए। इससे नालियां चोक हो गई हैं। नालियां ओवर फ्लो होकर गंदा पानी सड़क पर बह रहा है।

मनमाफिक बिछाए स्लैब

सहारनपुर रोड से प्रिंस चौक के बीच संकरी सड़क है। यहां व्यापारियों ने मनमाफिक तरीके से स्लैब बिछा रखे हैं। सड़क पर डेढ़ से दो फीट अतिक्रमण कर स्लैब और रैंप बनाने से यहां जाम की स्थिति रहती है। यही हाल प्रिंस चौक से दर्शनलाल चौक के बीच है। यहां नाली पर डिजाइन के विपरीत स्लैब डालकर कारें और दुपहिया वाहन पार्क किए जा रहे हैं।

मॉडल रोड पर एक नजर

विभाग,        लंबाई,       स्वीकृत बजट 

एनएच खंड,  03 किमी,   03 करोड़

निर्माण खंड, 03 किमी,    04 करोड़

प्रांतीय खंड,  1.2किमी,   1.71 करोड़

लोनिवि के अधीक्षण अभियंता आरसी अग्रवाल का कहना है कि मॉडल रोड का अधिकांश काम पूरा कर लिया है। बजट की कोई कमी नहीं है। शेष काम को जल्द पूरा कर लिया जाएगा। गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन ने बताया कि मॉडल रोड पर अतिक्रमण का 70 फीसद काम पूरा हो गया है। शेष काम जल्द पूरा किया जाएगा। इसके लिए विभाग को निर्देश दिए गए हैं। काम की गुणवत्ता यदि खराब पाई गई तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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