उत्तरप्रदेश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया- निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए तत्‍काल बढ़ाएं बेडों की संख्या

गोरखपुर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड अस्पतालों में मरीजों के इस्तेमाल की समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोरोना पर नियंत्रण के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने सख्त निर्देश दिया कि कोरोना की जांच, इलाज एवं टीकाकरण में किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। एंटीजन के साथ आरटीपीसीआर जांच में भी तेजी लाई जाए। उन्होंने सरकारी कोविड अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों में भी बेडों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री को बताया गया कि गोरखपुर में एक हजार से अधिक बेड की व्यवस्था कर ली गई है।

टीबी अस्पताल कोविड मरीजों के लिए फ‍िर शुरू 

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि 100 बेड टीबी अस्पताल को सोमवार से कोविड मरीजों के लिए शुरू कर दिया गया है। विशेष टीका उत्सव में 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों को वैक्सीन लगायी जा रही है। बीआरडी मेडिकल कालेज में 300 बेड के साथ 200 बेड का अस्पताल भी मरीजों के लिए शुरू कर दिया गया है। बेडों पर आक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है। वीडियो कांफ्रेसिंग के दौरान जिलाधिकारी ने टीबी अस्पताल का निरीक्षण करने का निर्देश दिया। समीक्षा समाप्त होने के बाद जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन, एसएसपी दिनेश कुमार पी ने टीबी अस्पताल की व्यवस्था का निरीक्षण कर जरूरी निर्देश दिए।

निजी क्षेत्र के अस्पतालों में उपलब्ध होंगे बेड

कोरोना पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए अब तक निजी अस्पतालों में 255 बेड की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एनके पांडेय ने बताया कि सोमवार तक सरकारी क्षेत्र के अलावा निजी क्षेत्र के अस्पताल फातिमा में 54 बेड, होप पैनेशिया में 96 बेड, उदय मेडिकल सेंटर में आठ, गर्ग हास्पिटल में 40 बेड, आरके इमरजेंसी में 12 बेड, आर्यन हास्पिटल में 10, दुर्गावती बड़हलगंज 25 तथा द प्राइड हास्पिटल में 10 बेड की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। दो दिनों के अंदर तीन अन्य निजी अस्पतालों को भी अनुमति दी जाएगी।

तीन श्रेणियों में तय किया गया निजी अस्पताल का रेट

निजी अस्पताल में कोरोना पाजिटिव मरीजों के इलाज के लिए तीन श्रेणियों में रेट तय किया गया है। सभी रेट पुराने ही हैं। अधिकतम 18 हजार रुपये वसूल किए जा सकते हैं। एनएबीएच प्रमाण पत्र वाले अस्पतालों में मध्यम बीमार (माडरेट सिकनेस) वाले मरीजों से 10 हजार रुपए रोजाना इलाज के नाम पर लें सकेंगे। इसी प्रकार गंभीर मरीजों से 15 हजार और अति गंभीर मरीजों से इलाज के नाम पर अधिकतम 18 हजार रुपए रोजाना ले सकेंगे।

गैर एनएबीएच प्रमाणपत्र वाले अस्पताल आठ, 13 और अधिकतम 15 हजार रुपये ही ले सकेंगे। इसी पैसे में शुगर और बीपी के मरीजों का भी इलाज होगा। मरीजों को इंजेक्शन के लिए मरीजों को अलग से रुपये देने होंगे।

शासन की ओर से बेड चार्ज के रूप में आठ, 13 और 15 हजार रुपये तय किए गए है। इसमें डाक्टर की फीस, नर्सिंग चार्ज, जरूरी जांच शामिल है। इसके अलावा अगर मरीज को शुगर और बीपी की दिक्कत है, तो उनसे अतरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। जरूरत पर आक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

13 हजार रुपये में आईसीयू की सुविधा मरीजों को दी जाएगी। जबकि 15 हजार रुपये में आईसीयू के साथ वेंटीलेंटर की सुविधा दी जाएगी। इसी पैसे में मरीजों को खाना, कुछ जरूरी जांच, दवा नर्सिंग चार्ज मुहैया कराया जाएगा। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने कहा कि निर्धारित रेट पर ही निजी अस्पतालों को इलाज करना होगा।

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