वन विभाग ने आरक्षित वन क्षेत्रों में 1980 से पहले बने धार्मिक स्थलों को न तोड़ने का किया फैसला
वन विभाग ने आरक्षित वन क्षेत्रों में 1980 से पहले बने धार्मिक स्थलों को न तोड़ने का फैसला किया है। वन मुख्यालय में शुक्रवार को हुई बैठक में इस पर सहमति बनी। नोडल अधिकारी डा.पराग मधुकर धकाते के मुताबिक, पहले चरण में अतिक्रमण कर नए बने धार्मिक स्थलों को हटाया जाएगा।
वन विभाग ने राजाजी व टाइगर रिजर्व, गंगोत्री व नंदादेवी बायोस्पेयर पार्क समेत तमाम आरक्षित वन क्षेत्रों में अवैध तरीके से बने धार्मिक स्थलों की जो सूची बनाई है, अधिकांश मंदिर 1980 से पहले के बने हैं। मनसा देवी मंदिर 1903 और अन्य मंदिर वर्ष 1983 में राजाजी राष्ट्रीय पार्क बनने से पहले बने थे।
तीन दिन के भीतर इस तरह के स्थलों की रिपोर्ट तलब
वहीं राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में चीला नहर के पास की मजार, गौहरी रेंज की कुनाऊं बीट में कब्रिस्तान, मोतीचूर रेेंज के चीला-मोतीचूर कॉरीडोर बीट की मजार सहित कुछ मजार हैं जो वर्ष 1980 में राजाजी राष्ट्रीय पार्क बनने से पहले की हैं।
मुख्य वन संरक्षक एवं नोडल अधिकारी डा.पराग मधुकर धकाते बताते हैं, अतिक्रमण कर बने धार्मिक स्थल हटाने के लिए सभी डीएफओ को प्रपत्र देते हुए तीन दिन के भीतर इस तरह के स्थलों की रिपोर्ट तलब की गई है। इसके लिए अधिकारियों को जो प्रपत्र दिया गया है, उसमें मंदिर, मस्जिद, मजार, कब्रिस्तान, गुरुद्वारा व चर्च के संबंध में रिपोर्ट तलब की गई है।