उत्तरप्रदेश

अयोध्या राम नवमी पर कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से नहीं लगेगा मेला, सादगी के साथ मनाया जाएगा राम जन्मोत्सव

अयोध्या, पीएम नरेंद्र मोदी के पांच अगस्त को श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन के बाद इस बार राम नवमी पर कोरोना संक्रमण के कारण भव्य आयोजन नहीं होगा। अयोध्या में इस बार न तो रामनवमी का मेला ही लगेगा और न ही भव्य आयोजन होगा। यहां के सभी संतों ने देश भर के सभी लोगों से की अपील की है कि इस रामनवमी पर अयोध्या ना आए और अपने घरों में रहकर करें अपने भगवान की पूजा करें।

अयोध्या में कोरोना संक्रमण के कारण रामनवमी मेले पर ग्रहण लग गया है। अयोध्या में संत समाज ने राम भक्तों से अपील की है कि वह लोग इस बार रामनवमी के मौके पर अयोध्या न आएं और अपने घरों में पूजा अर्चना करें। मणिराम छावनी के महंत कमल नयन दास ने बताया है कि कोरोना संक्रमण की स्थिति प्रदेश में बहुत तेजी से डरावनी होती जा रही है। ऐसे में अयोध्या के संतों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से आग्रह करते हुए सभी लोगों से की अपील की है कि इस बार रामनवमी पर अयोध्या ना आए, अपने घरों में रहकर करें भगवान का जन्म दिवस मनाएं। राज्य सरकार की कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी गाइडलाइन का पालन करें

जिले की सीमाए होंगी सील: अयोध्या के डीएम अनुज कुमार झा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार हम अयोध्या के धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ नही होने देंगे। कोविड प्रोटोकॉल के तहत ज्यादा श्रद्धालु धार्मिक स्थलों पर नहीं रह सकते हैं। इस बार राम नवमी के दौरान अयोध्या में बाहर से आने वालों के प्रवेश पर रोक लगेगी। अगर जरूरत पड़ी तो जिले की सीमाएं भी सील हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि अयोध्या में जो लोग बाहर से आएंगे उनका कोविड टेस्ट होगा। रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही जिले में प्रवेश मिलेगा। जिला प्रशासन ने निर्णय लिया है कि राम नवमी पर मेला नहीं लगेगा क्योंकि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए भीड़ नहीं इकट्ठी करनी है। ऐसे में साधु संत मंदिरों में रामलला का जन्मदिवस मनाएं। बीते वर्ष भी कोरोना संक्रमण के कारण राम नवमी मेला नहीं लगा था।

फीका पड़ा राम जन्मोत्सव: कोरोना संकट के कारण इस बार अयोध्या में राम जन्मोत्सव का रंग फीका पडऩे लगा है। राम जन्मोत्सव तो 21 अप्रैल को है, लेकिन इसकी रौनक वासंतिक नवरात्र की शुरुआत से ही बयां होने लगती थी। कोरोना संकट के बादल निरंतर सघन होने के साथ इस बार यहां का परिदृश्य अलग है। रामलला के हक में चिर प्रतीक्षित फैसला आने और राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण शुरू होने के बीच यह राम जन्मोत्सव व्यापक स्तर पर मनाए जाने की तैयारी थी पर कोरोना इन तैयारियों पर पानी फिर गया। कहां अति भव्य राम जन्मोत्सव मनाए जाने की तैयारी थी और अब अपने घर से ही भगवान को प्रणाम करना पड़ेगा। जिला प्रशासन ने भी संतों से अपील की है कि वह भक्तों के अयोध्या आने से रोकें। यह संकट उत्सव की व्यापकता नापने की बजाय मानव जीवन को बचाने का है और हमें किसी भी कीमत पर कोरोना को संक्रमित नहीं होने देना है।

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