कोरोना के बाद अब तूफान और साइक्लोन की आशंका

अमेरिका पर फिर मंडराए संकट के बादल
वाशिंगटन । पूरे विश्व में कोरोना का कहर जारी है। इस महासंकट से कोई बड़े देश जूझ रहे हैं। अमेरिका में अब तक 7.87 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस के संक्रमण में आ गए हैं, जबकि, 42 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन जून तक अगर कोरोना की कोई रोकथाम नहीं हुई तो इससे ज्यादा भयावह स्थिति बन सकती है। क्योंकि, जून से अमेरिका के ऊपर नई मुसीबत मंडराने वाली है। ये मुसीबत कुदरत की होगी।
जानकारी के अनुसार यूएस नेशनल ओशिएनोग्राफिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसएनओएए) और यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के हाइड्रोलॉजिक एंड एटमॉस्फियरिक साइंसेज ने भविष्यवाणी की है कि इस बार अमेरिका में भारी मात्रा में तूफान और साइक्लोन आने की आशंका है।
अमेरिकी चैनल के अनुसार इस साल 1 जून से लेकर 30 नवंबर के बीच 18 तूफान आएंगे। इनमें से 9 हरिकेन होंगे। वहीं, यूएसएनओएए के मुताबिक इस साल इन छह महीनों में 12 तूफान आएंगे, जिनमें से 6 हरिकेन होंगे। इस बारे में जानकारी देते हुए निजी कंपनी ने बताया है कि चार हरिकेन भयानक स्तर के होंगे। ये कैटेगरी तीन से ऊपर के हो सकते हैं। मतलब साफ है कि जब ये हरिकेन आएंगे तब हवा की रफ्तार 178 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार या उससे कहीं ज्यादा हो सकती है।
कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी ने भी भयानक तूफान और हरिकेन आने की आशंका जताई है। सभी ने इस सीजन के इतने भयावह होने के पीछे हाई-सी सरफेस टेंपरेचर को कारण बताया है। अटलांटिक महासागर का पानी गर्म होकर हवा के साथ नमी बनाएगा। यही तूफानों को हवा देगा। वैज्ञानिकों ने पिछले 30 सालों का अध्ययन करके यह नतीजा निकाला है।
इस मामले में जानकारी देते हुए एरिजोना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं काइल डेविस और जुबिन जेंग ने कहा कि यह अभी अप्रैल की भविष्यवाणी है। जून के शुरूआत में हम एक और भविष्यवाणी जारी करेंगे। हमने 1993 से लेकर पिछले साल तक का डेटा खंगाला है।
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