उत्तराखंड: हरिद्वार कुंभ की शुरुआत 1001 शंखों के नाद से होगी
अगले साल होने वाले हरिद्वार कुंभ के दिव्य एवं भव्य आयोजन की शुरुआत 1001 शंखों के नाद से होगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में हुई कुंभ की तैयारियों की समीक्षा बैठक में इस संबंध में मेला अधिष्ठान की ओर से प्रस्तुतीकरण दिया गया। मुख्यमंत्री ने मौखिक सहमति जताते हुए कहा कि इस पर काम हो सकता है। यदि ये पहल परवान चढ़ी तो हरिद्वार कुंभ इस मामले में गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल हो जाएगा। अभी तक एक साथ 303 शंखों के नाद से किसी कार्यक्रम के शुरू होने का रिकार्ड है। यह भी सुझाव आया कि कुंभ से पहले देशभर में कलश यात्रा निकाली जाए। इन दोनों मामलों में निर्णय होना बाकी है।
कुंभ मेला अधिष्ठान की ओर से मेलाधिकारी दीपक रावत ने समीक्षा बैठक में व्यापक प्रस्तुतीकरण दिया। इसमें कुंभ मेले के आयोजन से संबंधित कार्यों के बारे में विस्तार से बताया गया। प्रस्तुतीकरण में 1001 शंखों के नाद से महाकुंभ की शुरुआत और इससे पहले देशभर में कलश यात्रा निकालने के साथ ही विद्यार्थी कुंभ, संस्कृति कुंभ जैसे आयोजनों का सुझाव भी दिया गया। मेलाधिकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री ने मौखिक सहमति देते हुए कहा कि इन बिंदुओं पर कार्य किया जा सकता है। सभी तैयारियां पूरी होने के बाद इनके बारे में फैसला लिया जाएगा।
विभागीय सचिव होंगे जिम्मेदार
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बैठक में कहा कि कुंभ मेले के कार्यों को पूरा कराने की जिम्मेदारी विभागीय सचिवों की होगी। तकनीकी दक्षता वाले विभागों के कार्यों में लापरवाही सहन नहीं होगी। कुंभ के बाद कार्यों व व्यवस्थाओं को लेकर कोई शिकायत न मिले, यह जिम्मेदारी विभागाध्यक्षों की होगी। उन्होंने अस्थायी निर्माण कार्यों के प्रस्ताव तीन दिन के भीतर मुहैया कराने को कहा।
15 दिन में समीक्षा
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कुंभ के कार्यों की समीक्षा प्रत्येक 15 दिन में मुख्य सचिव स्तर पर होगी। तकनीकी समिति अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को मुहैया कराएगी। उन्होंने कुंभ के कार्यों को डबल शिफ्ट में कराने, राष्ट्रीय राजमार्ग को सड़क व पुलों के निर्माण के लिए तीन शिफ्ट में कार्य की अनुमति देने के निर्देश दिए।
थर्ड पार्टी ऑडिट
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागीय अधिकारी शासनादेशों में निर्धारित नियम व शर्तों के अधीन कार्य कराएं। इसकी अवहेलना सहन नहीं होगी। निर्माण कार्यों का थर्ड पॉटी ऑडिट कराने के साथ ही कार्यों की तकनीकी गुणवत्ता की गहनता से जांच की जाएगी।
कलर कल्चर पर भी दें ध्यान
कुंभ के आयोजन में कलर कल्चर पर भी ध्यान देने पर मुख्यमंत्री ने जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्नान घाटों व पार्कों के निर्माण में स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ ही सीएसआर के तहत सहयोग लिया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि स्थायी निर्माण कार्य नवंबर तक हर हाल में पूरे करा लिए जाएं। बैठक में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।