उत्तराखण्ड
थानों में मंदिर निर्माण मामले मे हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से मांगा जवाब
जबलपुर। थाना परिसरों में मंदिर निर्माण मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि थाना परिसरों में मंदिर का निर्माण किस आदेश के आधार पर किया गया है? हाईकोर्ट ने शासन से प्रदेश के सभी थानों के अंदर बने धार्मिक स्थलों की सूची भी मांगी है। मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की पीठ ने मामले की सुनवाई की। अगली सुनवाई छह जनवरी को होगी।
कई थानों में हो रहा मंदिरों का निर्माण: याचिकाकर्ता
जबलपुर के रहने वाले अधिवक्ता ओपी यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। उन्होंने याचिका में थाना प्रभारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सोमवार को अधिवक्ता सतीश वर्मा और ग्रीष्म जैन ने याचिकाकर्ता का पक्ष रखा और हाईकोर्ट को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद भी मध्य प्रदेश के विभिन्न थानों में मंदिरों का निर्माण कराया जा रहा है।
अन्य पक्षों को सुनने से इनकार
जनहित याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश में थाना परिसरों में मंदिर निर्माण पर रोक लगाई है। याची ने संबंधित थाना प्रभारियों के खिलाफ सिविल सर्विस रूल्स के तहत कार्रवाई की मांग की है। इस बीच अदालत ने हस्तक्षेपकर्ताओं विश्व हिंदू महासंघ समेत अन्य पक्ष को सुनने से फिलहाल इनकार कर दिया है
गाडरवारा में हटेगी अवैध मटन मार्केट
गाडरवारा में अवैध मटन मार्केट का मामला भी हाईकोर्ट पहुंचा। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने तीन दिन में मटन मार्केट को हटाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने बाजार दर से मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है। इसके अलावा याचिकाकर्ता को मुकदमे का खर्च 25 हजार रुपये भी मिलेंगे। जबलपुर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की पीठ ने अवैध मटन मार्केट मामले की सुनवाई की।
यह है मामला
नगर पालिका ने हाईकोर्ट को बताया कि शासन ने खुले में मांस के विक्रय पर रोक लगा रखी है। इस वजह से जमीन को कब्जे में लेने के बाद मटन मार्केट का निर्माण कराया गया है। अब हाईकोर्ट ने तीन दिन में मार्केट को हटाने का निर्देश दिया है। इसके अलावा दोषी अधिकारी के खिलाफ जांच के बाद एक्शन लेने का आदेश भी दिया है।