पृष्ठभूमि और हालिया घटनाएं: बलूचिस्तान, पाकिस्तान का सबसे बड़ा और संसाधन-संपन्न प्रांत है, लेकिन यहाँ दशकों से जारी सशस्त्र अलगाववादी आंदोलन ने इसे लगातार अस्थिर बनाए रखा है। हाल ही में, बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने बलूचिस्तान में हिंसा का एक नया दौर शुरू किया, जिसके तहत उन्होंने कई घातक हमले किए। इन हमलों में लगभग 74 लोग मारे गए, जिनमें पंजाबी प्रवासी श्रमिक और सुरक्षा बलों के सदस्य शामिल थे। BLA ने पंजाब से यात्रा कर रहे नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाया, जिससे प्रांत में हिंसा बढ़ गई है।
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) की आक्रामकता के कारण: BLA एक प्रमुख बलूच अलगाववादी संगठन है, जो बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग करता है। इसका गठन 1947 में पाकिस्तान की स्वतंत्रता के तुरंत बाद हुआ था, जब बलूच नेताओं ने महसूस किया कि उनके क्षेत्र और समुदाय को उपेक्षित किया जा रहा है। BLA का मुख्य आरोप है कि पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान के खनिज और प्राकृतिक संसाधनों का शोषण किया है, जबकि स्थानीय आबादी को उनकी हिस्सेदारी से वंचित रखा गया है।
विद्रोह और हिंसा का इतिहास: बलूचिस्तान में विद्रोही आंदोलनों की जड़ें 1970 के दशक के वामपंथी गुरिल्ला संघर्ष से जुड़ी हैं, जिसे पाकिस्तान की सेना ने कुचल दिया था। 2006 में बलूच नेता अकबर खान बुगती की हत्या के बाद, BLA ने अपने आंदोलन को फिर से संगठित किया और तब से पाकिस्तानी राज्य के खिलाफ एक सतत संघर्ष छेड़ा है। BLA का आरोप है कि बलूच समुदाय के साथ अन्याय और उनकी पहचान और संसाधनों की रक्षा के लिए यह संघर्ष आवश्यक है।
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का प्रभाव: बलूचिस्तान में हालिया हमलों का एक और प्रमुख कारण चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) से जुड़ा हुआ है। यह 60 बिलियन डॉलर का परियोजना है, जो बलूचिस्तान से होकर गुजरती है। BLA इस परियोजना का विरोध करती है, क्योंकि उनका मानना है कि यह बलूचिस्तान के संसाधनों का और अधिक शोषण करेगा और स्थानीय लोगों को और अधिक हाशिए पर धकेलेगा। इस परियोजना से जुड़े चीनी कर्मियों पर भी BLA ने हमले किए हैं।
पाकिस्तान सरकार और सेना की प्रतिक्रिया: पाकिस्तानी सरकार और सेना ने बलूचिस्तान में विद्रोह को कुचलने के लिए कई कठोर उपाय अपनाए हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी, सैन्य कार्रवाई, और इंटरनेट सेवाओं की बंदी शामिल है। हालांकि, ये उपाय BLA के उग्रवाद को समाप्त करने में विफल रहे हैं, और हिंसा की घटनाएं जारी हैं।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया: हाल ही में, चीन ने बलूचिस्तान में हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी अभियानों में समर्थन देने की बात कही। चीन के लिए बलूचिस्तान में शांति और स्थिरता महत्वपूर्ण है, क्योंकि CPEC उनकी वैश्विक परियोजनाओं में एक अहम भूमिका निभाता है।
निष्कर्ष: बलूचिस्तान में हिंसा और BLA की आक्रामकता पाकिस्तान के लिए एक गंभीर आंतरिक सुरक्षा चुनौती है। यह संघर्ष न केवल स्थानीय आबादी और संसाधनों के अधिकारों के लिए है, बल्कि यह पाकिस्तान के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और निवेश को भी चुनौती दे रहा है। बलूचिस्तान में स्थायी समाधान केवल बलूच समुदाय के साथ न्यायसंगत और समावेशी वार्ता के माध्यम से ही संभव हो सकता है।