अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह को प्रधानमंत्री करेंगे संबोधित
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के शताब्दी समारोह को मंगलवार को प्रधानमंत्री संबोधित करेंगे। ऑनलाइन होने वाले इस कार्यक्रम पर एएमयू ही नहीं देश-विदेश के मुस्लिमों की नजर टिकी हुई है कि प्रधानमंत्री क्या बोलते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एएमयू में अपने संबोधन को लेकर एक ट्वीट भी किया है। निर्धारित समय पर कुरानी ख्वानी के साथ कार्यक्रम शुरू हो गया। कुलपति ने कहा यह मौका हमारे लिए ऐतिहासिक है।शताब्दी समारोह का आयोजन पूरी यूनिवर्सिटी बिरादरी के लिए गर्व की बात है। मॉडर्न एजुकेशन का काम करना चाहते हैं। एएमयू के पूर्व छात्र यूनिवर्सिटी के विकास में अहम रोल अदा कर सकते हैं । हमारा एलुमनाई नेटवर्क बहुत ही यूनिक है।
एएमयू के वीमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. नईमा खातून ने कहा कहा बेगम सुल्तन जहां नारी शिक्षा के लिए काम किया। वो एएमयू के चांसलर भी बनीं। वीमेंस कॉलेज आज बहुत आगे पहुंच गया। स्मार्ट क्लास से लेकर छात्राओं काे पढ़ाई से जुड़ीं सारी सुविधाएं दी जा रही हैं।
एएमयू के चांसलर व बोहरा समाज के धर्म गुरु डॉ. सैयदना मुफददल सैफुद्दीन ने कहा- नरेंद्र भाई मोदी साहब इस कार्यक्रम में बतौर मेहमान शामिल हुए हैं। उनकी अगुवाई में देश तरक्की करता रहे। तालीम हासिल करना हर मुसलमान पर फर्ज है। वो तालीम, तालीम नहीं जिसका कोई लाभ न हो। इल्म से सभी रुके रास्तों को खोला जा सकता है। अल्लाह से दुहा करता हूं। इस कोरोना वायरस से देश-दुनिया को जल्द आजाद करे। डॉक्टर व अन्य से इस मुसीबत में काम काम किया है। वैक्सीन लगाने की तैयारी है। इसे कामयाबी मिले। इल्म (ज्ञान) व अमन से हर मुश्किल को हल कर सकते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के शताब्दी समारोह को दिन में 11 बजे से संबोधित करेंगे। करीब साढ़े पांच दशक बाद यह पहला मौका है, जब देश का कोई प्रधानमंत्री एएमयू के कार्यक्रम में शिरकत करेगा। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पीएम मोदी इस कार्यक्रम में वर्चुअल शामिल होंगे।
इससे पहले 1964 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने एएमयू के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए ऐतिहासिक यह है कि 56 साल बाद कोई प्रधानमंत्री शामिल हो रहा है। इससे पहले 1964 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री एएमयू के दीक्षा समारोह में शामिल हुए थे।समारोह को संबोधित करने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑनलाइन माध्यम से सेंचुरी गेट का उद्घाटन करेंगे और एएमयू के नाम से डाक टिकट जारी करेंगे।
पीएम मोदी के साथ इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन भी शिरकत करेंगे। इस अवसर को यादगार बनाने के लिए पीएम मोदी एक विशेष डाक टिकट भी जारी करेंगे।
चार स्थानों पर होगा कार्यक्रम: सुबह 10 बजे से कार्यक्रम की शुरुआत होगी। कार्यक्रम को सुनने के लिए एएमयू में चार स्थान तय किए गए हैं। आपसी बातचीत के लिए देश भर में पांच स्थान तय किए गए हैं। इनमें पीएमओ, एचआरडी, एएमयू, जिला कलेक्ट्रेट के अलावा महाराष्ट्र में एएमयू चांसलर सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन का आवास का शामिल है।
एएमयू कुलपति प्रो. तारिक मंसूर पांच मिनट का परिचय भाषण देंगे। एएमयू के सौ साल पूरे होने के सफर के बारे में प्रो. अली अहमद नकवी भाषण देंगे। चांसलर भी पांच मिनट बोलेंगे। प्रधानमंत्री से पहले मानव संसाधन मंत्री रमेश निशंक संबोधित करेंगे। इसके बाद पीएम मोदी एएमयू पर पोस्टल स्टांप जारी करेंगे और भाषण देंगे। दोपहर 12 बजे कार्यक्रम का समापन होगा। कार्यक्रम के दौरान कैंपस के आसपास सुरक्षा व्यवस्था के तगड़े इंतजाम किए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का मिनट टू मिनट शेडयूल: सुबह 10 बजे से कार्यक्रम की शुरुआत होगी। इसमें सबसे पहले दो मिनट तक कुरान का आयोजन होगा। फिर, पांच मिनट उपकुलपति तारिक मंसूर का परिचय भाषण होगा। इसे पूरा होने पर 10 मिनट के लिए एएमयू के सौ पूरे होने पर डायरेक्टर प्रो. अली अहमद नकवी कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। फिर पांच मिनट के लिए वीमेंस कॉलम की प्रिंसिपल प्रो. नगमा खातून संबोधित करेंगी। पांच मिनट के लिए कुलाधिपति फिर बोलेंगे। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का स्वागत करेंगे। 15 मिनट तक शिक्षा मंत्री का कार्यक्रम चलेगा। इसके बाद कुलपति पांच मिनट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करेंगे। पीएम मोदी एएमयू पर पोस्टल स्टांप जारी करेंगे और भाषण देंगे। पीएम के बाद रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद धन्यवाद भाषण देंगे। अंत में यूनिवर्सिटी तराना व राष्ट्रीय गान का आयोजन होगा। दोपहर 12 बजे कार्यक्रम का समापन होगा।
पूर्व छात्रों ने जाहिर की खुशी
फ्रैंक एफ इस्लाम ने कहा कि यह कार्यक्रम इतिहास बनाएगा। मुझे खुशी है कि पीएम मोदी एएमयू के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। एएमयू में उनकी उपस्थिति आम लोगों को आगे बढ़ाने के लिए एकजुट करेगी। सभी की निगाहें उस पर होंगी क्योंकि यह एक नई शुरुआत का संकेत देगा और यह विभाजन के घावों को ठीक करेगा। उनकी उपस्थिति हमें प्रेरित करेगी। क्योंकि यह पुलों का निर्माण करेगा, बाधाओं को तोड़ देगा। यह कार्यक्रम इतिहास बनाएगा। अज्ञान की दीवार को गिरा देगा और आशा की किरण लाएगा। हम भारत के बेहतर भविष्य को आकार देने में मदद कर सकते हैं।
पूर्व छात्र व चेयरमैन फोर्टिस एस्कॉर्ट डॉ. अशोक सेठ ने कहा कि यूनिवर्सिटी के सौ साल पूरे होने पर गर्व महसूस हो रहा है। शताब्दी समारोह में पीएम मोदी का शामिल होना बड़ी बात है। एएमयू में पढ़े लोग दुनिया भर में फैले हुए हैं। पूर्व छात्रों की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने इदारे के लिए कुछ करें। ताकि यूनिवर्सिटी और तरक्की करे। मंगलवार को पीएम के कार्यक्रम में शामिल हूंगा।
पूर्व छात्र व ओलंपियन जफर इकबाल ने कहा कि पीएम मोदी का न्यौता स्वीकार करना बहुत बड़ी बात है। एएमयू ने देश के लिए हर क्षेत्र में योगदान दिया है। यहां हिंदू-मुस्लिम जैसी को बात नहीं है। मेरे बहुत से हिंदू मित्र हैं जिनके साथ पढ़ाई की। सर सैयद हिंदू-मुस्लिम को दुल्हन की दो आंखों की तरह देखते थे। पीएम के कार्यक्रम को मैं सुनूंगा।
एक नजर में एएमयू
-मदरसातुल-उलूम की स्थापना 24 मई, 1875 को हुई थी।
-1877 में 74 एकड फौजी छाबनी की जमीन पर मुहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज की नींव रखी गई।
-27 अगस्त, 1920 को मुस्लिम यूनिवर्सिटी बिल को विधायिका में पेश किया गया ।
-9 सितंबर, 1920 को मुस्लिम विश्वविद्यालय विधेयक पारित किया गया था।
-14 सितंबर को मुस्लिम यूनिवर्सिटी पास हो कर बिल गवर्नर जनरल को भेजा गया था।
-1 दिसंबर, 1920 को विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी।
-17 दिसंबर, 1920 को एएमयू स्ट्रेची हॉल में उद्घाटन किया गया।
-56 साल बाद पीएम एएमयू केे कार्यक्रम को करेंगे संबोधित।
-1964 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने दीक्षांत समारोह को किया था संबोधित।
-100 से अधिक देशों में ज्ञान की लौ जला रहे हैं एएमयू में पढ़े लोग।
-30,000 से अधिक विद्यार्थी अध्ययन रत हैं। 2,000 शिक्षक हैं ।
-1877 में मौलाना आजाद लाइब्रेरी स्थापित हुई ।
– 6.50 लाख पुस्तकें हैं लाइब्रेरी में ।
-27 देव प्रतिभाएं हैं एएमयू के मूसा डाकरी संग्रहालय में।
-23 प्रतिमाएं आदिनाथ की, महावीर जैन का स्तूप भी है।
खास बातें
– 8 पद्म विभूषण, 28 पद्म भूषण, 37 पद्म श्री सम्मान।
– 19 राज्यपाल, 17 मुख्य मंत्री, सर्वोच्च न्यायालय के 4 न्यायाधीश।
– उच्च न्यायालय के 11 मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के 29 न्यायाधीश।
-3 ज्ञानपीठ पुरस्कार, 19 साहित्य अकादमी पुरस्कार।
-विश्वविद्यालय ने 11 विश्वविद्यालयों में कुलाध्पति और 92 कुलपति।
-विदेशों में 9 मुख्य न्यायाधीशों और 9 न्यायाधीशों ने एएमयू से स्नातक किया।
-एएमयू से बीटेक करने वाली खुशबू मिर्जा चंद्रयान व चंद्रयान-2 टीम का हिस्सा रह चुकी हैं।
-एएमयू के जवाहरलाल नेहरू (जेएन) मेडिकल कॉलेज की भी है देश में अलग पहचान।
-18 राज्यपाल, 17 मुख्यमंत्री और 12 देशों के राष्ट्रअध्यक्ष यहां से निकले।