नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की मतगणना में दो दिन अभी बाकी होने के बावजूद प्रमुख विपक्षी नेताओं ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली में बैठक बुलाई है। हालांकि बैठक में बड़ी पार्टियों के नेताओं में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मायावती और अखिलेश यादव और ममता बनर्जी शायद गैर मौजूद रहें। मतगणना के बाद गैर राजग सरकार के गठन को लेकर विपक्षी नेताओं के बीच विचार-विमर्श होगा। एक्जिट पोल के रुझान के बाद विपक्षी नेताओं के निशाने पर चुनाव आयोग और ईवीएम आ गई है। इस बारे में वे आयोग से मुलाकात वीवीपैट की मतगणना पर जोर देंगे।
विपक्षी दलों के नेताओं को एकजुट करने में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू की भूमिका अहम है। उन्होंने आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी के साथ कोलकाता में उनके सरकारी आवास में बैठक कर केंद्र में गैर राजग सरकार बनाने पर चर्चा की।
बनर्जी के साथ हुई 45 मिनट की वार्ता में विपक्षी दलों के महागठबंधन की केंद्र में बनने वाली गैर भाजपा सरकार को लेकर गंभीर गूफ्तगू की, जिसमें कांग्रेस समेत अन्य क्षेत्रीय दलों को शामिल करने पर विचार किया।
दिल्ली में महागठबंधन के घटक दलों की बैठक में 23 मई को चुनाव नतीजों के बाद त्रिशंकु जनादेश के बाद की स्थितियों पर विस्तार से विचार किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि तृणमूल नेता ममता बनर्जी नई दिल्ली 23 मई के चुनाव नतीजों के बाद पहुंचेंगी। चंद्रबाबू नायडू के अलावा समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने भी ममता बनर्जी को टेलीफोन कर महागठबंधन की आगामी रणनीति पर चर्चा की।
विपक्षी नेताओं को एकजुट करने में नायडू पिछले एक सप्ताह से लगातार देशभर दौरा उनसे रणनीति बनाने में मशगूल हैं। उनकी नजर राजग के कम सीटों के आने पर टिकी हुई है। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में सपा नेता अखिलेश यादव ने बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात कर एक्जिट पोल के नतीजों पर चर्चा की। जबकि नायडू रविवार को सोनिया गांधी व राहुल गांधी से मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने एनसीपी नेता शरद पवार से भी दिल्ली के उनके आवास पर भेंट की।
दिल्ली में होने वाली मंगलवार की बैठक में सभी विपक्षी दलों से यूपीए के घटक दल के रूप में समर्थन पत्र ले लिये जाने की तैयारी है। ताकि राजग के बहुमत से पीछे रहने की दशा में तुरंत राष्ट्रपति को सौंपा जा सके। वीवीपैट की गिनती में बूथों पर किसी तरह की गड़बड़ी पाये जाने पर पूरी विधानसभा क्षेत्र की मतगणना वीवीपैट से कराने की मांग भी की जाएगी।
मंगलवार को होने वाली बैठक में अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, शरद पवार, सतीश चंद्र मिश्र, चंद्रबाबू नायडू, सीताराम येचुरी, डी राजा और डेरेक ओब्रायन समेत अन्य नेताओं के रहने की संभावना नहीं है।