national

लखीमपुर मामले में प्रियंका की पीएम मोदी को चिट्ठी, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को करें बर्खास्त

कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने दूसरा दांव चला है। उन्होंने शनिवार को लखीमपुर खीरी में किसानों को रौंदने की घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। पीएम से कहा है कि यदि सच्चे हृदय से किसानों के साथ हैं तो लखीमपुर कांड के आरोपित के पिता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करें। वह जांच प्रभावित कर सकते हैं। गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ मंच साझा किए जाने का भी जिक्र पत्र में किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से भी अपील की है कि उनके साथ मंच साझा न करें।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम नरेन्द्र मोदी को संबोधित पत्र पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा कि कल आपने तीन काले कृषि कानूनों को किसानों पर थोपने के अत्याचार को स्वीकारते हुए उन्हें वापस लेने की घोषणा की। लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुई क्रूरता को देश ने देखा। किसानों को अपनी गाड़ी से कुचलने का मुख्य आरोपित केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा है। इस मामले में यूपी सरकार ने शुरूआत से ही न्याय की आवाज को दबाने की कोशिश की।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने पत्र में आगे लिखा कि मैं लखीमपुर खीरी कांड के पीड़ित परिवारों से मिली हूं। वे असहनीय पीड़ि में हैं। सभी परिवारों का कहना है कि वे सिर्फ न्याय चाहते हैं और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर बने रहते न्याय संभव नहीं है। उन्होंने आगे लिखा है कि लखीमपुर खीरी केस की जांच की हालिया स्थित पीड़ित परिवारों की आशंका को सही साबित करती है। देश की कानून व्यवस्था के जिम्मेदार गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आपके उसी मंत्री के साथ मंच साझा कर रहे हैं।

उन्होंने आगे लिखा कि आप देश के प्रधानमंत्री हैं और किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह से समझते होंगे। हर देशवासी के लिए न्याय सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री का कर्तव्य ही नहीं, उनका नैतिक दायित्व होता है। कल देशवासियों को सम्बोधित करते हुए आपने कहा कि सच्चे मन और पवित्र हृदय से किसानों के हित को देखते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने का अभूतपूर्व निर्णय लिया गया है। आपने यह भी कहा कि देश के किसानों के प्रति आप नेकनीयत रखते हैं।

यदि यह सत्य है तो लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में पीड़ितों को न्याय दिलवाना भी आपके लिए सर्वोपरि होना चाहिए। लेकिन, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी अभी भी आपके मंत्रिमंडल में अपने पद पर बने हुए हैं। यदि आप लखनऊ में डीजीपी कॉन्फ्रेंस में आरोपी के पिता के साथ मंच साझा करते हैं तो पीड़ित परिवारों को स्पष्ट संदेश जाएगा कि आप अभी भी कातिलों का संरक्षण करने वालों के साथ खड़े हैं। यह किसान सत्याग्रह में शहीद किसानों का घोर अपमान होगा। अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नियत सचमुच साफ है तो आज अपने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ मंच पर विराजमान मत होईए, उनको बर्खास्त कीजिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button