हरिद्वार में एक अप्रैल से शुरू होने वाले कुंभ की अधिसूचना जल्द ही जारी होगी: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत
राज्य ब्यूरो, देहरादून धर्मनगरी हरिद्वार में एक अप्रैल से शुरू होने वाले कुंभ की अधिसूचना सरकार जल्द ही जारी करेगी। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रविवार शाम को सचिवालय में मीडिया से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि कुंभ के दिव्य-भव्य आयोजन के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। कुंभ में लोग बेरोकटोक आएं और कोविड के नियमों का पालन करें, इसी हिसाब से व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चमोली जिले में नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के चौड़ीकरण की मांग कर रहे ग्रामीणों की यह साध पूरी की जाएगी। यह उनकी प्राथमिकता में है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार में महाशिवरात्रि पर 11 मार्च के गंगा स्नान की व्यवस्थाओं से संत खुश हैं। हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र के व्यापारियों के चेहरों पर भी रौनक है। इस स्नान में 30-35 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई थी। 2010 के कुंभ में पहले स्नान पर करीब 45 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया था। उन्होंने कहा कि कुंभ में अखाड़ों का वैभव मुख्य आकर्षण का केंद्र होता है। यदि इसके दर्शन करने वाले श्रद्धालु ही नहीं रहेंगे तो यह ठीक नहीं है। ऐसे में कुंभ में आने के लिए श्रद्धालुओं के लिए रोकटोक नहीं होनी चाहिए। श्रद्धालु आएं और मास्क, सैनिटाइजर का उपयोग कर कोविड से खुद भी बचें और दूसरों को भी बचाएं।
उन्होंने दोहराया कि कुंभ में उमडऩे वाली लाखों की भीड़ की आरटीपीसीआर जांच संभव नहीं है। सरकार ने तय किया है कि डंडे के बल पर किसी को रोका नहीं जाएगा। अलबत्ता, व्यवस्था ऐसी बनाई जाएगी कि श्रद्धालु गंगा में स्नान करें और फिर तुरंत वहां से निकल जाएं। इसके लिए बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी। साथ ही हरिद्वार में सड़कों, गलियों आदि को दुरुस्त रखने के साथ ही स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चमोली जिले में नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग का चौड़ीकरण उनकी प्राथमिकता में है। यदि इसमें वन भूमि हस्तांतरण बाधा बनेगा तो इसका भी समाधान किया जाएगा। ग्रामीणों पर दर्ज मुकदमों की वापसी की मांग के संबंध में उन्होंने कहा कि इसे भी देखा जाएगा। साथ ही कहा कि लोकतंत्र में अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाना जनता का हक है, लेकिन आंदोलन की आड़ में कोई गड़बड़ करता है तो यह ठीक नहीं है। लिहाजा, इस पहलू पर भी विचार किया जाएगा।
ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन एक मार्च को नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के चौड़ीकरण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने दिवालीखाल में प्रदर्शन किया था। तब प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था। इसे लेकर तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार की किरकिरी भी हुई थी।