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भारत और चीन के बीच सैनिकों के पीछे हटने को लेकर सैन्य कमांडर के बीच 14 घंटे से ज्यादा चली बैठक

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा से सैनिकों के पीछे हटने को लेकर दोनों के बीच सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता 14 घंटे से ज्यादा चली। एलएसी के पास भारत और चीनी सेनाओं के पीछे हटने को लेकर सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता पूर्वी लद्दाख में चुशुल बॉर्डर पोस्ट पर संपन्न हुई। दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच LAC के भारतीय पक्ष चुशुल में वार्ता मंगलवार(14 जून) सुबह 11.30 बजे शुरू हुई और यह 15 जुलाई को लगभग रात 2 बजे समाप्त हुई। यह बैठक साढ़े 14 घंटे तक चली।

इस बैठक में LAC के विवादित क्षेत्र से सैन्य वापसी के लिए अभी तक उठाए गए कदमों की समीक्षा के साथ इसे किस तरह आगे बढ़ाया जाए इस पर गहन विचार विमर्श हुआ। दोनों देशों के बीच सैन्य स्तरीय यह चौथी वार्ता थी। विदेश मंत्रालय के स्तर पर भी तीन दौर की बातचीत हो चुकी है।

5 जुलाई को सीमा विवाद पर भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधि अजीत डोभाल और चीनी स्टेट काउंसिलर और विदेश मामलों के मंत्री वांग यी ने टेलीफोन पर बातचीत के दौरान एक खुली और गहराई से बातचीत हुई। दोनों देशों के प्रतिनिधि इस बात पर सहमत हुए कि दोनों पक्षों को LAC के साथ चल रही डिस्इंगेजमेट प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करना चाहिए।

डिस्इंगेजमेट के पहले चरण के हिस्से के रूप में चीनी सैनिक फिंगर क्षेत्र में फिंगर 4 से फिंगर 5 में वापल लौट चुके हैं। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि वे पहले ही गलवन घाटी, हॉट स्प्रिंग्स और पैट्रोलिंग प्वाइंट -15 सहित अन्य बिंदुओं में लगभग दो किलोमीटर पीछे हट चुके हैं।

सूत्रों ने बताया कि सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता के दौरान आपसी सहमित के बाद भारतीय सेना भी इन क्षेत्रों से पीछे हट गई है। अब इन खाली किए गए क्षेत्रों को दोनों पक्षों द्वारा अस्थायी गैर-गश्त वाले क्षेत्र के रूप में माना जाएगा और उनके सैनिक वहां नहीं आएंगे।

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