मंत्री गणेश जोशी ने चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बिपिन रावत से मुलाकात कर दवाओं व अन्य सामग्री की मांग की
देहरादून। उत्तराखंड राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बिपिन रावत से मुलाकात कर कोरोना से जंग के लिए सेना के चिकित्सक, सहायक स्टाफ, आवश्यक दवाओं व अन्य सामग्री की मांग की है।
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व में कोरोना के मरीजों को उपचार उपलब्ध कराने के लिए दून में विभिन्न स्थानों पर 1000 बेड के अतिरिक्त अस्पतालों की स्थापना के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए आधारभूत ढांचा राज्य सरकार अपने संसाधनों से खड़ा कर लेगी। मगर, चिकित्सकों समेत अन्य मानव संसाधन की कमी आड़े आएगी।
भारतीय सेना ऐसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित और साधन संपन्न है। ऐसे में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बिपिन रावत से सेना के सहयोग और मदद की अपील की गई है। उनसे अतिरिक्त अस्पतालों के लिए आवश्यक चिकित्सक, नर्सिग स्टाफ व अन्य आवश्यक चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया।
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने राज्य को कोरोना के खिलाफ जंग में हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार के बुनियादी सुविधाएं जुटा लेने पर सेना अपने सेवानिवृत्त चिकित्सकों को तैनात कर देगी। जोशी के अनुसार सेना के इस सहयोग के प्रति उत्तराखंड की जनता हमेशा कृतज्ञता महसूस करेगी।
मेडिकल संस्थान और अस्पताल में ही मेडिकल सप्लाई
उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने सचिव उद्योग सचिन कुर्वे को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में अस्पताल और मेडिकल संस्थाओं को छोड़कर कहीं भी आक्सीजन की आपूर्ति न की जाए। उन्होंने प्रदेश में लगने वाले नए आक्सीजन प्लांट को सिंगल विंडो सिस्टम के जरिये प्राथमिकता के आधार पर अनुमति देने को कहा है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण में लगातार इजाफा हो रहा है। इस वजह से अब आक्सीजन की खपत भी तेजी से बढ़ रही है।
इसे देखते हुए केंद्र सरकार पहले ही औद्योगिक कार्यों के लिए आक्सीजन की आपूर्ति करने से इन्कार कर चुकी है। अब इस कड़ी में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी सचिव उद्योग को पत्र लिखकर केवल मेडिकल संस्थाओं को आक्सीजन की आपूर्ति करने को कहा है। पत्र में यह भी कहा गया है कि आक्सीजन उत्पादन एवं वितरण की समस्त यूनिटों में आक्सीजन का उत्पादन आवश्यकता के अनुरूप बढ़ाया जाए।