देहरादून। उत्तराखंड के लोक संगीत के दिग्गज और गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी ने फिल्म ‘मीठी-मां कु आशीर्वाद’ को उत्तराखंडी सिनेमा का एक महत्वपूर्ण और मौलिक कार्य बताया है। रविवार को देहरादून के सेंट्रियो मॉल में फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद उन्होंने इस फिल्म की प्रशंसा की और कहा कि यह उत्तराखंड की पाक कला और संस्कृति को बड़े पर्दे पर प्रस्तुत करने वाला एक अद्वितीय प्रयास है।
पहाड़ी व्यंजनों पर केंद्रित कहानी
श्री नेगी ने कहा कि फिल्म निर्माता वैभव गोयल ने पहाड़ी व्यंजनों के इर्द-गिर्द कहानी को केंद्रित करके एक अनोखी कथा को जन्म दिया है। इस फिल्म ने उत्तराखंडी सिनेमा में एक नई दिशा की शुरुआत की है, जो आमतौर पर बॉलीवुड से प्रभावित रहती है। श्री नेगी ने कहा, “यह फिल्म उत्तराखंड की समृद्ध खाद्य संस्कृति को बहुत ही प्रामाणिक तरीके से प्रस्तुत करती है, जो इसे विशेष बनाती है।”
निर्माता और निर्देशक की तारीफ
उन्होंने फिल्म के निर्माता वैभव गोयल और निर्देशक कांता प्रसाद के दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा कि ‘मीठी-मां कु आशीर्वाद’ उत्तराखंड की पाक परंपराओं को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी। इस अवसर पर उनके साथ उनकी पत्नी उषा नेगी और बेटे कविलाश नेगी भी उपस्थित थे।
फिल्म की सफलता और प्रभाव
‘मीठी-मां कू आशीर्वाद’ ने उत्तराखंड के सिनेमा प्रेमियों के बीच अपनी गहरी छाप छोड़ी है। यह फिल्म 30 अगस्त को देहरादून सहित पांच शहरों में रिलीज हुई, और इसे दर्शकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। फिल्म में उत्तराखंड की सांस्कृतिक, संगीत और व्यंजनों की अनूठी मिश्रण ने सिनेमा प्रेमियों का दिल जीत लिया है। इसके प्रदर्शन, कहानी और उच्च गुणवत्ता के फिल्मांकन को देखते हुए, समीक्षकों ने इसे उत्तराखंडी सिनेमा का एक मील का पत्थर बताया है।
सांस्कृतिक विरासत का जश्न
फिल्म में विशेष रूप से गढ़वाली भाषा का उपयोग किया गया है, जो इसे और भी प्रामाणिक बनाता है। फिल्म में स्थानीय व्यंजनों, खासकर मोटे अनाजों पर जोर दिया गया है, जो उत्तराखंड की पाक परंपराओं का मुख्य हिस्सा हैं। निर्देशक कांता प्रसाद का कहना है कि उनका उद्देश्य अपनी संस्कृति और परंपराओं को सिल्वर स्क्रीन पर जीवंत करना था।
आलोचकों की सराहना
समीक्षकों का कहना है कि फिल्म ने उत्तराखंड की समृद्ध खाद्य संस्कृति को बेहद खूबसूरत तरीके से प्रस्तुत किया है। एक समीक्षक ने कहा, “यह फिल्म दर्शकों के दिलों को छूने और उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ने में सफल रही है।” फिल्म के मुख्य आकर्षणों में पारंपरिक विषयों के साथ समकालीन दृष्टिकोण का मिश्रण शामिल है।
भविष्य के लिए संभावनाएं
‘मीठी-मां कू आशीर्वाद’ की सफलता क्षेत्रीय सिनेमा की ओर बढ़ती रुचि का प्रमाण है। आलोचक इसे उत्तराखंडी सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ मान रहे हैं, जो दर्शकों को सिनेमाघरों में वापस लाने की क्षमता रखता है। फिल्म निर्माता वैभव गोयल ने कहा कि इस फिल्म की सफलता क्षेत्रीय कहानियों के प्रति दर्शकों के गहरे लगाव को दर्शाती है, और यह उत्तराखंडी सिनेमा के भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत है।
फिल्म का उद्देश्य न केवल मनोरंजन करना था, बल्कि उत्तराखंड की पाक परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजते हुए भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना भी था।