राजनीतिक
लॉकडाउन: सरकार लोगों तक पहुँचा रहे, सीधी मदद
भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का एलान कर दिया गया है। हालांकि इस दौरान भारत सरकार ने कई बातों का ध्यान भी रखा है। इनमें गरीबों के साथ साथ उद्योगों पर भी ध्यान दिया गया है। कहने का अर्थ है कि भारत सरकार ने ये सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश की है कि कोरोना महामारी के संकट के बीच कोई भूखा न रह पाए और देश की अर्थव्यवस्था भी न लड़खड़ाए। इसके तहत सरकार ने 26 मार्च को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी। इससे गरीब परिवारों को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ने में काफी मदद मिली है।
इस योजना के तहत प्रदान की जानें वाली मदद इस प्रकार हैं:-
- कोविड-19 से लड़ने वाले प्रत्येक स्वास्थ्य कर्मी को बीमा योजना के तहत 50 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान किया जाएगा। कोविड-19 मरीजों का इलाज करते समय किसी भी स्वास्थ्य प्रोफेशनल के साथ दुर्घटना होने पर उन्हें योजना के तहत 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
- सफाई कर्मचारी, वार्ड-ब्वॉय, नर्स, आशा कार्यकर्ता, सहायक स्वास्थ्य कर्मी (पैरामेडिक्स), टेक्निशियन, डॉक्टर और विशेषज्ञ एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता एक विशेष बीमा योजना के तहत बीमा कवर पाएंगे।
- 80 करोड़ गरीबों को अगले तीन महीने तक हर माह 5 किलो गेहूं या चावल और पसंद की 1 किलो दालें मुफ्त में मिलेंगी
- 20 करोड़ महिला जन धन खाता धारकों को अगले तीन महीने तक हर माह 500 रुपये मिलेंगे
- मनरेगा के तहत मजदूरी को 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये प्रति दिन कर दिया गया है। इससे करीब 13.62 करोड़ परिवारों को फायदा होगा।
- 3 करोड़ गरीब वरिष्ठ नागरिकों, गरीब विधवाओं और गरीब दिव्यांगजनों को 1,000 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी
- सरकार वर्तमान ‘पीएम किसान योजना’ के तहत अप्रैल के पहले सप्ताह में किसानों के खाते में 2,000 रुपये सीधे उनके खातों में डालेगी। इससे देश के करीब 8.7 करोड़ किसानों को फायदा होगा।
- केंद्र सरकार ने निर्माण श्रमिकों को राहत देने के लिए राज्य सरकारों को भवन और निर्माण श्रमिक कल्याण कोष का उपयोग करने के आदेश दिए हैं
- सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों, वेलनेस सेंटरों और केंद्र के साथ-साथ राज्यों के अस्पतालों को भी इस योजना के तहत कवर किया जाएगा, इस महामारी से लड़ने के लिए लगभग 22 लाख स्वास्थ्य कर्मियों को बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।
- पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत अगले तीन महीनों में 8 करोड़ गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर मुफ्त में दिए जाएंगे।
- 100 से कम कामगारों वाले प्रतिष्ठानों में प्रति माह 15,000 रुपये से कम पारिश्रमिक पाने वालों को अपना रोजगार खोने का खतरा है। इस पैकेज के तहत सरकार ने अगले तीन महीनों के दौरान उनके पीएफ खातों में उनके मासिक पारिश्रमिक का 24 प्रतिशत भुगतान करने का प्रस्ताव किया है। इससे उनके रोजगार में व्यवधान या खतरे को रोका जा सकेगा।
- पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत 1 अप्रैल, 2020 से मनरेगा मजदूरी में 20 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी। मनरेगा के तहत मजदूरी बढ़ने से प्रत्येक श्रमिक को सालाना 2,000 रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा। इससे इस योजना से जुड़े करीब 62 करोड़ परिवारों को लाभ होगा।
- कर्मचारी भविष्य निधि नियमनों में संशोधन कर ‘महामारी’ को भी उन कारणों में शामिल किया जाएगा जिसे ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों को अपने खातों से कुल राशि के 75 प्रतिशत का गैर-वापसी योग्य अग्रिम या तीन माह का पारिश्रमिक, इनमें से जो भी कम हो, प्राप्त करने की अनुमति दी जाएगी। ईपीएफ के तहत पंजीकृत चार करोड़ कामगारों के परिवार इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
- ‘भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों के लिए कल्याण कोष’ केंद्र सरकार के एक अधिनियम के तहत बनाया गया है। इसमें कोष में लगभग 3.5 करोड़ पंजीकृत श्रमिक हैं।
- राज्य सरकारों को इस कोष का उपयोग करने के लिए निर्देश दिए जाएंगे, ताकि वे इन श्रमिकों को आर्थिक मुश्किलों से बचाने के लिए आवश्यक सहायता और सहयोग प्रदान कर सकें।
- राज्य सरकार से जिला खनिज कोष (डीएमएफ) के तहत उपलब्ध धनराशि का उपयोग करने को कहा जाएगा, ताकि कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए चिकित्सा परीक्षण (टेस्टिंग), स्क्रीनिंग और अन्य आवश्यकताओं की पूरक एवं संवर्धित या बढ़ी हुई सुविधाओं का इंतजाम किया जा सके और इसके साथ ही इस महामारी की चपेट में आए मरीजों का इलाज भी हो सके।
- सरकार ने सीजीएचएस कार्ड की भी समय सीमा को बढ़ा दिया है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि कोरोना के चलते किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर इनका अपडेट नहीं किया जा रहा है इसलिए इनकी समय सीमा को बढ़ाया जा रहा है।
- सरकार ने पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए ने नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस के खाताधारकों को कोरोना के इलाज से जुड़े खर्चों के लिए आंशिक निकासी की इजाजत दी है। पीएफआरडीए ने साफ किया है कि आंशिक निकासी की सुविधा अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के खाताधारकों के लिए नहीं होगी।
- सरकार ने इनकम टैक्स से जुड़ी तमाम डेडलाइन को 30 जून 2020 तक बढ़ाया है. इसके लिए सरकार ने 31 मार्च, 2020 को एक अध्यादेश जारी किया है। इस अवधि में विलंबित इनकम टैक्स पर ब्याज को 12 फीसद से घटाकर नौ फीसद कर दिया गया है। TDS जमा करने के लिए समयसीमा नहीं बढ़ाई गई लेकिन ब्याज को 18 फीसद से घटाकर नौ फीसद किया गया।
- केंद्र सरकार ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा, PAN Card को Aadhaar से लिंक कराने की मियाद भी बढ़ा दी है।
- तीन महीने तक किसी भी एटीएम से पैसे निकालने पर नहीं लगेगा कोई ट्रांजैक्शन चार्ज। डिजिटल ट्रांजैक्शन चार्जेज में कमी की गई है।
- तीन महीने तक मिनिमम बैंक बैलेंस मेंटेन करने से मोहलत।
- इसी के साथ आधार-पैन को लिंक कराने की समयसीमा को बढ़ाकर 30 जून, 2020 किया गया।
- विवाद से विश्वास स्कीम की समयसीमा को भी बढ़ाकर सरकार ने 30 जून, 2020 करने का फैसला किया है।
- ‘सबका विश्वास’ स्कीम से जुड़े विवादों को निपटाने की समयसीमा बढ़ाकर 30 जून, 2020 किया गया। यह सीमा पहले 31 मार्च, 2020 तक थी।
- सरकार ने बोर्ड बैठक के लिए कंपनियों को 2 तिमाही तक 60 दिनों की रिलीफ देने का फैसला किया है।
- लॉकडाउन की समय सीमा बढ़ाने के बाद रेलवे ने टिकट बुकिंग का पैसा होगा वापस करने का फैसला लिया है।