दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में इंटरनेट सेवा पर रोक, रूट डायवर्जन से डीएनडी पर भारी ट्रैफिक
मंगलवार को देश की राजधानी में किसानों के उपद्रव के बाद बुधवार को सारे शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस के जवान तैनात हैं, तो सादी वर्दी में भी सुरक्षा कर्मी गश्त कर रहे हैं। वहीं, किसानों के हिंसक प्रदर्शन के बाद एहतियात के तौर पर बुधवार को दिल्ली के कई इलाकों में सुरक्षा के लिहाज से सड़कों और मेट्रो स्टेशन पर एंट्री बंद कर दिए गए हैं।
दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक बुधवार को होगी, जिसमें कुछ अहम फैसले लिए जा सकते हैं।
दिल्ली में आईटीओ, क्नॉट प्लेस, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग, मिंटो रोड, राजघाट रोड, लाल किला रोड और प्रगति मैदान में सड़कों को बंद रखा गया है। इसके अलावा बारापूला से उतरकर लोधी रोड की तरफ बढ़ने वाला रास्ता, दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ जाने वाला रास्ता और पुरानी दिल्ली की तरफ जाने वाला रास्ता भी बंद है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait, BKU) का कहना है कि दीप सिद्धू सिख नहीं हैं, वे भाजपा के कार्यकर्ता हैं। पीएम के साथ उनकी एक तस्वीर है। यह किसानों का आंदोलन है और ऐसा ही रहेगा। कुछ लोगों को तुरंत इस जगह को छोड़ना होगा। जो लोग बैरिकेडिंग तोड़ चुके हैं वे कभी भी आंदोलन का हिस्सा नहीं होंगे। मंगलवार को हुई हिंसा के मद्देनजर 12 लोगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की AAP ने की निंदा
ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की आम आदमी पार्टी (AAP) ने निंदा की है। साथ ही AAP ने हिंसा भड़कने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधा है। पार्टी की तरफ से एक बयान जारी कर कहा गया कि आम आदमी पार्टी प्रदर्शन में हिंसा की कड़ी निंदा करती है। यह दुखद है कि केंद्र सरकार ने स्थिति को इस हद तक बिगड़ जाने दिया, जबकि यह आंदोलन पिछले दो महीने से पूरी तरह शांतिपूर्ण चल रहा है।
AAP के प्रवक्ता व विधायक राघव चड्ढा ने ट्वीट किया कि किसान नेताओं का कहना है कि जो लोग आज की हिंसा में शामिल थे, वे इस आंदोलन का हिस्सा नहीं थे, बल्कि बाहरी तत्व थे। ये जो भी लोग हैं, लेकिन उनकी हिंसा ने निश्चित रूप से उस आंदोलन को कमजोर कर दिया है, जो शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से चल रहा था।
तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान पिछले दो महीने से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन्होंने 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड का एलान किया था। दिल्ली पुलिस के साथ मैराथन बैठक के बाद किसानों को परेड की अनुमति दी गई थी। इस दौरान किसानों ने वादा किया था कि परेड दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के पास नहीं जाएगी, लेकिन मंगलवार सुबह प्रदर्शनकारी दिल्ली में घुसने पर अड़ गए। बैरिकेड तोड़ते हुए लाल किले तक पहुंच गए। इस दौरान किसानों को रोकने का पुलिस ने प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हुए।