उत्तराखण्ड

निकाय चुनाव के लिए 22 जनवरी से उत्तराखण्ड में , अवैध शराब व मादक पदार्थों पर अंकुश लगाए गए

Dry day In Uttarakhand उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव के लिए 22 जनवरी की सुबह से ही शराब की बिक्री पर रोक रहेगी। मतदान समाप्ति के बाद ही शराब की दुकानें खुलेंगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं। इस दौरान अवैध शराब व मादक पदार्थों पर अंकुश लगाने के लिए अभियान जारी है।

 नगर निकाय चुनाव के लिए 23 जनवरी को सुबह आठ बजे से प्रारंभ होने वाले मतदान से 24 घंटे पहले 22 जनवरी की सुबह से निकाय क्षेत्रों में शराब की बिक्री प्रतिबंधित रहेगी। मतदान समाप्ति के बाद ही शराब की दुकानें खुलेंगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं।

आयोग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार मतदान प्रारंभ होने से 24 घंटे पहले से मतदान समाप्ति तक नगर निगम और नगर पालिका परिषदों के आठ किलोमीटर की परिधि में शराब, भांग सहित अन्य मादक पदार्थों की बिक्री नहीं होगी। इसी प्रकार नगर पंचायत क्षेत्रों में चार किलोमीटर की परिधि के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में यह भी रोक लागू की गई है।
उधर, निकाय चुनाव के दौरान अवैध शराब व मादक पदार्थों पर अंकुश लगाने के लिए अभियान जारी है। इसके तहत राज्यभर में अभी तक पुलिस व आबकारी विभाग द्वारा 14.29 करोड़ रुपये मूल्य की शराब और मादक पदार्थों की जब्ती की जा चुकी है।
23 जनवरी को होने वाले नगर निकाय चुनाव के दृष्टिगत प्रचार अभियान का शोर मंगलवार शाम पांच बजे थम जाएगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए सभी जिलों में तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। प्रदेश में सौ नगर निकायों में चुनाव हो रहे हैंं। इनमें 11 नगर निगम, 43 नगर पालिका परिषद व 46 नगर पंचायतें शामिल हैं। 23 जनवरी को होने वाले मतदान में 30.29 लाख मतदाता शहरी सरकार का चुनाव करेंगे।
मतदान से 48 घंटे पहले मंगलवार शाम पांच बजे शहरी क्षेत्रों में चुनाव प्रचार का शोर भी थम जाएगा। यही नहीं, राजनीतिक दलों और चुनाव में किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों व उनके समर्थकों ने भी घर-घर दस्तक देने पर ध्यान केंद्रित कर दिया है।
निकाय चुनाव में उन दिव्यांग मतदाताओं को आयोग वाहन उपलब्ध कराएगा, जो अधिक अक्षम होने के साथ ही उनके पास अपना वाहन नहीं है। नगर निकायों में दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 10894 है। राज्य निर्वाचन आयुक्त के अनुसार दिव्यांगजनों को मतदान के लिए मतदान केंद्र तक जाने को उनके वाहन की अनुमति दी जाएगी। यदि किसी दिव्यांग मतदाता के पास वाहन नहीं है और वह मतदान केंद्र तक जाने में असमर्थ है तो उसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी वाहन की व्यवस्था सुनिश्चित कराएंगे।

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