उत्तराखण्ड

हल्द्वानी में तेज रफ्तार कार पेड़ से टकराई, चार की मौत, एक गंभीर

सड़क हादसे में सोमवार देर रात करीब 1.30 बजे हल्द्वानी के चार दोस्तों दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में घायल पांचवें की हालत गंभीर बनी हुई है। उसे एसटीएच में भर्ती कराया गया है। मौत के बाद से स्वजनों में कोहराम मचा हुआ है।

पुलिस के अनुसार सोमवार रात कार्तिक डोभाल पुत्र राजेश सिंह डोभाल, चित्रेश गुप्ता पुत्र राजेश गुप्ता निवासी बद्रीपुरा, अक्षय अहुजा पुत्र महेश अहुजा निवासी पीली कोठी व प्रियांशु अपने दोस्त कमलेश पांडेय के साथ कार से शहर घूमने निकले। कुंवरपुर चौराहा स्थित सरोवर एंड स्वीट रेस्टोरेंट के पास आम के पेड़ से उनकी तेज रफ्तार कार टकरा गई। इससे कार के परखच्चे उड़ गए। एक्सीडेंट की आवाज सुनकर आसपास के लोग जुट गए।

सूचना पुलिस को दी गई। कुछ ही देर में काठगोदाम थाना प्रभारी प्रमोद पाठक पूरी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। घायलों को लेकर शहर के एक निजी अस्पताल में पहुंचे, जहां डाक्टरों ने कार्तिक डोभाल, चित्रेश गुप्ता, अक्षय अहुजा व प्रियांशु बिष्ट को मृत घोषित कर दिया। कमलेश पांडेय को गंभीर हालत में एसटीएच रेफर कर दिया।

अस्पताल परिसर में मचा कोहराम

पुलिस ने देर रात हादसे की खबर चित्रेश गुप्ता के स्वजनों को दी। इस पर पूरा परिवार एसटीएच उमड़ पड़ा। बेटे का शव देख मां चरणजीत गुप्ता बेसुध हो गईं। स्वजनों ने उन्हें किसी तरह से संभाला। उन्हें जब भी होश आता वह चित्रेश का नाम लेकर फिर बेहोश हो जातीं। इस बीच एसटीएच इमरजेंसी में मौजूद सभी लोगों की आंख नम हो गई।

बस आधे घंटे में लौटने का किया था वादा

स्वजनों के अनुसार चित्रेश जब घर से निकल रहा था तो उन्होंने चुनाव का हवाला देकर उसे रोका था। लेकिन दोस्तों का हवाला देकर वह बाहर आ गया। मां को बताया कि बस आधे घंटे में ही लौटा आऊंगा। लेकिन घर पहुंची तो उसकी मौत की खबर।

पढ़ाई में अव्वल था चित्रेश

चित्रेश गुप्ता नैनीताल डीएसबी कालेज से बीकाम की पढ़ाई कर रहा था। स्वजनों के अनुसार पढ़ाई में बेहतर होने के साथ उसकी योजना सीए की तैयारी करने की थी।

साइबर कैफे चलाता था कार्तिक

कार्तिक डोभाल हल्द्वानी में ही साइबर कैफे संचालित करता था। सोमवार को मतदान के कारण कैफे बंद होने के कारण उसने दोस्तों के साथ घूमने की योजना बना ली। लेकिन तेज रफ्तार ने दोस्तों के साथ उसकी भी जान ले ली।

पिता के साथ रेस्टोरेंट के काम में हाथ बंटाता था अक्षय

स्वजनों के अनुसार अक्षय पढ़ाई के साथ ही पिता के रेस्टोरेंट के काम में भी हाथ बंटाता था। उसकी भी योजना आगे चलकर रेस्टोरेंट संचालित करने की थी। इसके लिए पूरे परिवार ने उसके लिए नया रेस्टोरेंट खोलने की योजना भी बना ली थी। लेकिन एक हादसे ने पूरे परिवार के सपने को बिखेर दिया।

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