उत्तराखण्ड

सरकार देगी कर्मियों को तीन माह का पीएफ

जिन कंपनियों और प्रतिष्ठान में कार्मिकों की संख्या 100 से कम है और वहां के 90 फीसद स्टाफ को 15 हजार रुपये प्रतिमाह से कम वेतन मिलता है तो उन नियोक्ताओं का बोझ सरकार ने कम करने का निर्णय लिया है। योजना के अनुसार ऐसे प्रतिष्ठानों के कार्मिकों के तीन माह के वेतन में की जाने वाली पीएफ कटौती को सरकार वहन करेगी। इसमें नियोक्ता व कर्मचारी दोनों का हिस्सा शामिल होगा। उत्तराखंड में 74 हजार से अधिक कार्मिकों को इसका लाभ मिलेगा।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के क्षेत्रीय आयुक्त मनोज कुमार यादव ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए लागू किए गए लॉकडाउन में अधिकतर प्रतिष्ठान बंद हैं। सरकार पहले ही यह बात कह चुकी है कि इस अवधि में किसी भी कार्मिक के वेतन से कटौती नहीं की जाएगी। न ही उनकी सेवा समाप्त की जाएगी।

अब सरकार ने छोटे प्रतिष्ठानों का बोझ भी हल्का करने का काम किया है। सरकार के आदेश के अनुरूप प्रदेश में 100 कार्मिकों से कम व 90 फीसद कार्मिकों का वेतन 15 हजार रुपये महीने से कम होने के दायरे में 2697 प्रतिष्ठान आ रहे हैं। इन प्रतिष्ठानों में 74 हजार 769 कार्मिक कार्यरत हैं। लिहाजा, इन सभी पीएफ सदस्यों को अप्रैल, मई व जून माह के वेतन में मिलने वाले पीएफ का भुगतान सरकार करेगी।

727 कार्मिक अब तक निकाल चुके पीएफ

लॉकडाउन की विकट स्थिति में पीएफ कर्मचारियों की जरूरतों की पूर्ति कर रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था की गई है कि कोई भी कार्मिक पीएफ खाते में जमा राशि का 75 फीसद तक या मूल वेतन व महंगाई भत्ते के बराबर की राशि दोनों में जो भी कम हो, को निकाल सकता है।

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