राजनीतिक

ममता के आरोपों पर भाजपा का हमला कहा, राज्य की मुखिया को छात्रों की चिंता नहीं बल्कि अपनी कुर्सी की चिंता है

 नीट और जेईई की परीक्षा का विरोध करने एवं प्रधानमंत्री पर केवल अपनी मन की बात करने और छात्रों की आवाज नहीं सुनने के तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपों पर भाजपा महासचिव व बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राज्य की मुखिया को छात्रों के भविष्य की चिंता नहीं बल्कि अपनी कुर्सी की चिंता अधिक है। इसी कारण परीक्षाओं का विरोध कर रही है।

 विजयवर्गीय ने कहा कि विद्यार्थियों का भविष्य बनाना सरकार की जिम्मेदारी है। हम परीक्षा नहीं करवा कर बच्चों के एक साल खराब नहीं कर सकते हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है। उस निर्देश का पालन किया जा रहा है। सिर्फ विरोध के लिए विरोध नहीं करना चाहिए। कोई सही विकल्प हो, तो विकल्प पर चर्चा करनी चाहिए। लेकिन, दुर्भाग्य से वर्तमान में गणतंत्र के अंदर रचानात्मक विरोध होना चाहिए, पर यह विरोध जो विरोधी दलों द्वारा हो रहे हैं, यह बहुत ही खतरनाक है। ऐसा विरोध होता है, जिससे हमारे दुश्मन देश को फायदा होता है। ऐसा विरोध होता है, जिसमें देश की चिंता नहीं होती है। केवल अपने दल की चिंता और अपनी कुर्सी की चिंता होती है।

 उन्होंने कहा कि सियासी दलों का दायित्व है कि राजनीति देश और समाज के लिए युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए करें। सिर्फ विरोध के लिए विरोध नहीं होना चाहिए।

प्रधानमंत्री पर एकतरफा निर्णय लेने के आरोप पर विजयवर्गीय ने कहा कि मैं समझता हूं कि जीएसटी परिषद बनी है। जीएसटी परिषद में कोई भी ऐसा निर्णय नहीं हुआ, जो सर्वसम्मति से नहीं हुआ हो। कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने जितने भी निर्णय लिए सभी दल के मुख्यमंत्रियों को साथ लेकर और सभी से चर्चा करके किया। प्रजातांत्रिक संघीय ढ़ांचे का जितना सम्मान मोदी जी ने किया, उतना किसी ने नहीं किया। संघीय ढांचे के उल्लंघन के आरोप पर विजयवर्गीय ने कहा कि बंगाल में प्रजातांत्रिक शक्तियों को जितना नुकसान पहुंचाया जा रहा है, उतना किसी भी राज्य में नहीं। बंगाल में राजनीतिक हिंसा सर्वविदित है। उन्होंने कहा कि विरोधी दलों को उनका राजनीतिक और प्रजातांत्रिक अधिकार छीना जा रहा है।

कार्यकर्ताओं को डराया-धमकाया जा रहा है और विरोध करने पर मुकदमे किये जा रहे हैं। भाजपा के 100 से अधिक कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है और पुलिस और प्रशासन की मदद से हत्या को खुदकुशी का जामा पहना दिया जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button