उत्तराखण्ड

गांवों में पदयात्रा व पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया अभ्युदय वातसल्यम ने

देहरादून। आज विश्व पर्यावरण दिवस पर अभ्युदय वात्सल्यम् समिति की अध्यक्ष गार्गी मिश्रा ने गाँवों में जाकर बच्चों को अपनी धरती और पर्यावरण को सँजोए रखने के लिए ये संदेश देते हुए कहा कि
अब समय आ गया है एक क़दम अपनी धरती के लिए भी उठाने का।
इन्होने सहस्रधारा रोड पर, चालांग गांव, धोरण खास, नागल हटनाला मे अनेक महिलाओं के साथ पद यात्रा की तथा प्लास्टिक की पन्नी का उपयोग न करने, कचरा के समुचित प्रबंधन के संबंध मे लोगों को जागरूक किया।
आज के विशेष दिन पर उन्होने बच्चों तथा महिलाओं के समझाया कि पर्यावरण शब्द का निर्माण दो शब्दों परित:+ आवरण से मिलकर बना है। जिसमें परित: का अर्थ है —- हमारे चारों तरफ और आवरण का अर्थ है— एक तरह का सुरक्षा घेरा। आज पूरी दुनिया पर्यावरण दिवस मना रही है । बग़ैर पर्यावरण के हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। यही कारण है कि हम पर्यावरण संरक्षण और पृथ्वी को बचाने के लिए हर साल 5 जून को हम पर्यावरण दिवस मनाते हैं और इसके संरक्षण के लिए संकल्प लेते हैं।

लेकिन आज के दिन आइए हम और आप मिलकर ये संकल्प ले कि—
(1)— हम हर महीने एक पेड़ अवश्य लगाएँगे ।
(2)— अपना खुद का पानी का बोतल और अपना खुद का किराने का थैली साथ लेकर चलेंगे ।
(3)— स्थानीय स्तर पर ऊगाई जाने वाली सब्ज़ियाँ ख़रीदेंगे ।
(4)— यथा संभव पैदल चलेंगे, साइकिल चलाएँगे व शाकाहारी बनेंगे।
(5)— वातावरण स्वच्छ रखेंगे व प्रिंट कम से कम निकालेंगे ।
(6) प्लास्टिक की पन्नी का उपयोग नहीं करेंगे
(7) कचरा के उचित प्रबंधन के प्रति सजग रहेंगे और अन्य को सजग करेंगे
यदि हो सके तो अधिक पेड़ लगाएँ, हरियाली बढ़ाएँ, प्रदूषण हटाएँ, पर्यावरण बचाएँ , स्वच्छ हवा बाँटे व पायें।याद रखिए कि हमें पर्यावरण दिवस मनाने की आवश्यकता हर दिन और हर पल है।

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