किसानों ने मांगों को लेकर रुड़की तहसील का घेराव किया, अफसरों के खिलाफ किये नारेबाजी
रुड़की। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) रोड गुट की ओर से गुरुवार को किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर रुड़की तहसील का घेराव किया गया। अफसरों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए किसान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर बैठ गए।
किसानों ने अफसरों को बंधक बनाने की चेतावनी दी। खानपुर के विधायक उमेश कुमार भी किसानों के बीच पहुंचे। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने किसानों को समझा बुझाकर शांत किया। साथ ही, जेएम किसान प्रतिनिधिमंडल एवं संबंधित विभागों के अफसरों की एक बैठक 21 फरवरी को बुलाई है।
गुरुवार को भाकियू रोड के राष्ट्रीय अध्यक्ष पदम सिंह रोड के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान रुड़की के प्रशासनिक भवन पर पहुंचे। यहां पर किसानों की एक पंचायत हुई। पंचायत में यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पदम सिंह रोड ने कहा कि किसान लगातार प्रताड़ित हो रहे हैं।
अफसर किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं हैं। चकबंदी विभाग का भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है। डीएम कमेटी बनाकर जांच करा चुके हैं, उनके काले कारनामे उजागर हो चुके हैं, लेकिन कार्रवाई करने को कोई तैयार नहीं है। ऊर्जा निगम गांव में जाकर किसानों के कनेक्शन काट दे रहा है।
किसानों को प्रताड़ित करने का काम किया जा रहा है। झूठे चोरी के मुकदमे लिखे जा रहे हैं। किसानों का दर्द सुनने को कोई तैयार नहीं है। इसलिए अब किसान संघर्ष के रास्ते को अपनाएगा। किसी भी सूरत में अब उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष सचिन टोडा ने कहा कि अब आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी।
यूनियन के जिलाध्यक्ष नाजिम अली ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि किसान अपनी ताकत को दिखाए। अफसरों की मनमानी पर अंकुश लगाने का काम किया जाए। इसके बाद किसान जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के कार्यालय के बाहर पहुंच गए।
तहसील का घेराव करते हुए धरना शुरू कर दिया। इस बात की जानकारी मिलने पर खानपुर के विधायक उमेश कुमार ने भी किसानों के बीच पहुंचकर समर्थन दिया। साथ ही, ऐलान किया कि वह किसानों की लड़ाई में उनके साथ खड़े हैं।
इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष प्रदीप त्यागी, मनोज पाल, इंद्र सिंह रोड, जावेद अली, अब्दुल मन्नान, रजत रोड, प्रधान लाखन रोड, निहाल गिरी आदि मौजूद रहे। वहीं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दिवेश शाशनी ने किसानों के बीच पहुंचकर वार्ता की और बताया कि 21 फरवरी को किसान प्रतिनिधि मंडल एवं संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक होगी। जिसमें उनकी समस्याओं को हल किया जाएगा।
यह है किसानों की प्रमुख मांगे
-चकबंदी विभाग द्वारा छोटे किसानों का जो उत्पीड़न हो रहा है उसको बंद किया जाए
– किसानों का चीनी मिलों पर बकाया है, इस बकाया का जल्द भुगतान किया जाए
– ऊर्जा निगम की ओर से कनेक्शन काटे जाने की प्रक्रिया को तत्काल बंद किया जाए
– एआरटीओ द्वारा किसानों के ट्रैक्टर को बंद करने पर रोक लगे, अवैध उगाही बंद कराई जाए
-साक्ष्य होने के बावजूद घूसखोर लेखपाल पर कार्रवाई नहीं की गई, उस पर तत्काल कार्रवाई की जाए
– उप्र की तर्ज पर किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली दी जाए
समस्या हल नहीं हुई तो मवेशियों के साथ आएंगे तहसील में
रुड़की: भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पदम सिंह रोड ने कहा कि यदि प्रशाासन ने 21 फरवरी को उनकी समस्याओं को हल करने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया तो उस दिन किसान बड़ा निर्णय लेंगे। किसान अब रुड़की तहसील में अपने मवेशियों के साथ आएंगे। मवेशियों को यहीं पर बांधकर धरना दिया जाएगा। प्रशासन ही मवेशियों के लिए चारे एवं पानी की व्यवस्था करेगा। किसान अपनी मांगों को मनवाने के बाद ही यहां से जाएगा।