उत्तराखण्ड

नेपाल में भूकंप के झटकों से उत्‍तराखंड से यूपी तक डोली धरती,उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में 4.8 तीव्रता का भूकंप आया

शनिवार तड़के उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में 4.8 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप के झटके पिथौरागढ़ बागेश्वर चंपावत अल्मोड़ा और ऊधम सिंह नगर जिलों में महसूस किए गए। उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि भूकंप का असर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी बहराइच सीतापुर बलरामपुर अयोध्या लखनऊ तक रहा। उत्तराखंड में किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।

शनिवार तड़के अचानक उत्‍तराखंड से यूपी तक धरती डोल गई। तड़के 3:59:03 बजे आए भूकंप की तीव्रता 4.8 मेग्नीट्यूड रही। भूकंप के झटकों को उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में महसूस किया गया। पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत, अल्मोड़ा व ऊधम सिंह नगर जिलों में भूकंप के दौरान कई लोग घरों से बाहर निकल आए।

भारतीय राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार भूकंप का केंद्र हरिद्वार से 342 किमी दूर उत्तरी नेपाल के सुंथराली एयरपोर्ट कोटबड़ा के पास धरती से 10 किमी की गहराई में था। चंपावत से भूकंप का केंद्र 146 किमी दूर था। इससे पहले 19 दिसंबर को भी नेपाल में 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था।

चंपावत निवासी निर्मला ने बताया कि शनिवार को तड़के आए भूकंप के झटके पांच से सात सेकेंड तक महसूस हुए।
वहीं उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि भूकंप का असर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी, बहराइच, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, लखनऊ तक रहा। स्थानीय प्रशासन के अनुसार उत्तराखंड में किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।

देहरादून: आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में अब विश्व बैंक सहायतित उत्तराखंड डिजास्टर प्रिपेयर्डनेस एंड रेजिलिएंट परियोजना (यू-प्रिपेयर) से आपदा प्रबंधन का ढांचा सुदृढ़ होगा। इसके लिए विश्व बैंक ने 1480 करोड़ की ऋण राशि स्वीकृत कर दी है। परियोजना लागत का 80 प्रतिशत अंश केंद्र और 20 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करेगी।

परियोजना के तहत राज्य में आपदा से संबंधित अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित करने के साथ ही आपदा आश्रय गृहों, सड़कों व पुलों का निर्माण, जंगल की आग पर नियंत्रण को प्रभावी कदम जैसे कार्य किए जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस परियोजना की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित केंद्र सरकार के प्रति आभार जताया है।

उन्होंने कहा कि परियोजना के आकार लेने से राज्य में आपदा के समय राहत व बचाव कार्यों में तेजी के साथ ही आपदा के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी। आपदा प्रबंधन के सुदृढ़ीकरण और आपदा के समय रिस्पांस टाइम कम करने के उद्देश्य से वर्ष 2023 में बाह्य सहायतित यू-प्रिपेयर का खाका खींचा गया।

तब सितंबर में कैबिनेट से इसे हरी झंडी मिली थी। इसके पश्चात परियोजना का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया। परियोजना के लिए ऋण हस्ताक्षर पर सोमवार को केंद्रीय संयुक्त सचिव आलोक तिवारी, उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन और विश्व बैंक के भारत में निदेशक अगेस्ते तानो कोआमे ने हस्ताक्षर किए। अब यह ऋण राशि स्वीकृत कर दी गई है।

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