गोरखनाथ मंदिर भ्रमण के दौरान महिला कांस्टेबल पर नजर पड़ी जो अपने बच्चे को गोद में लेकर ड्यूटी कर रही थी, फिर हुआ कुछ ऐसा
रविवार रात में गोरखनाथ मंदिर भ्रमण के दौरान गोशाला गेट के पास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजर एक महिला कांस्टेबल पर पड़ी, जो अपने बच्चे को गोद में लेकर ड्यूटी कर रही थी। फिर तो मुख्यमंत्री का बाल प्रेम जाग उठा। उन्होंने पहले उसे बच्चे दुलराया-पुचकारा फिर साथ चल रहे पुलिस अफसरों से रात में छोटे बच्चे वाली महिला कांस्टेबल से ड्यूटी कराने की वजह पूछी। अफसरों ने बताया कि रात 10 बजे तक ही उसकी ड्यूटी है तो दिन में उससे ड्यूटी कराने की सलाह देते हुए मुख्यमंत्री गोशाला की ओर चले गए।
जनता दर्शन में 225 लोगों की सुनी समस्या
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर के हिंदू सेवाश्रम में जनता दर्शन किया। इस दौरान उन्होंने गोरखपुर और आसपास के जिलों से आए 225 लोगों की समस्या सुनी और समाधान का आश्वासन दिया। इस दौरान वह समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश भी देते रहे। हमेशा की तरह इस बार भी जनता दर्शन में पुलिस और राजस्व विभाग के मामले ज्यादा आए।
जनता दर्शन के लिए हिन्दू सेवाश्रम में मुख्यमंत्री सुबह करीब 7.30 बजे पहुंचे। वहां समस्या लेकर आए लोगोें को कुर्सियों पर पहले ही बैठाया जा चुका था। मुख्यमंत्री बारी-बारी से हर व्यक्ति के पास खुद गए और उनका लिखित शिकायत पत्र लेकर समस्या को जाना। कुछ शिकायतों को समाधान के लिए कमिश्नर रवि कुमार एनजी तो कुछ के लिए डीएम विजय किरन आनंद और एसएसपी विपिन ताडा को निर्देशित किया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि समस्या का शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जाए। हिंदू सेवाश्रम में बैठे लोगों की समस्या सुनने के बाद यात्री निवास में बैठे लोगों को भी बुलाकर मुख्यमंत्री ने उनकी समस्या सुनी। जनता दर्शन के हिंदू सेवाश्रम में मुख्यमंत्री सवा आठ बजे तक रहे और उसके बाद मंदिर कार्यालय आ गए।
लालकक्ष में भी 100 लोगों से मिले सीएम
जनता दर्शन के बाद गोरखनाथ मंदिर के कार्यालय से सटे लालकक्ष में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करीब 100 लोगों से मुलाकात की। इनमें हिन्दू युवा वाहिनी, भारतीय जनता पार्टी और मंदिर से जुड़े लोग शामिल रहे। इस दौरान भी कुछ लोगोें ने अपनी समस्या मुख्यमंत्री से कही।
पूजापाठ के बाद की गो सेवा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार की सुबह आवास से बाहर आए तो सबसे पहले उन्होंने गुरु गोरक्षनाथ का दर्शन-पूजन किया और फिर अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया। इसी क्रम में मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए वह गोशाला पहुंचे और गोसेवा की। भ्रमण के दौरान अपने श्वान कालू और गुल्लू के साथ खेलना भी मुख्यमंत्री नहीं भूले।