घरेलू गैस के दाम 30 दिन में 75 रुपये बढ़ गए
देहरादून। पेट्रोलियम कंपनियों ने घरेलू गैस उपभोक्ताओं को महीने के पहले दिन बड़ा झटका दे दिया है। घरेलू गैस के दाम में 25 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। पिछले तीस दिन में घरेलू गैस के दाम में तीसरी दफा बढ़ोतरी हुई है। अब दून में घरेलू गैस सिलिंडर 904 रुपये का मिलेगा। वहीं व्यावसायिक सिलिंडर का दाम 75 रुपये के उछाल के साथ 1739 रुपये पर पहुंच गया है।
पिछले कुछ महीनों से बढ़ते घरेलू गैस के दाम ने किचन का बजट बिगाड़ दिया है। पिछले साल घरेलू गैस का दाम 600 से नीचे था। हालांकि, इस साल मई में दाम 829.50 होने के बाद से तीन महीने बाद अगस्त में बढ़ा। पेट्रोलियम कंपनियों ने तीन अगस्त को दाम में 25 रुपये की बढ़ोतरी की थी। इसके बाद 16 अगस्त को दोबारा 25 रुपये बढ़ा दिए। अगर पिछले 30 दिन का हिसाब लगाया जाए तो घरेलू गैस के दाम हर दिन लगभग ढाई रुपये के हिसाब से बढ़े हैं। गैस एजेंसी संचालकों का अंदेशा है कि महीना आधा बीतने पर दोबारा दाम में बदलाव हो सकता है।
दाम बढ़ने के बाद बने मीम
घरेलू गैस के दाम बढ़ने के बाद से इंटरनेट मीडिया पर लोग अपने-अपने हिसाब से विरोध जता रहे हैं। कई लोग सरकार और गैस कंपनियों को लेकर मजाक बना रहे हैं तो कुछ रोष जता कर रहे हैं। ‘रसोई गैस के दाम बढ़ गए तो क्या, वैक्सीन तो फ्री में मिल रही है’, ‘राशन फ्री देकर क्या करोगे, जब पकाने को सिलिंडर नहीं भरवा सकेंगे’, समेत कई मीम इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं।
सरकारी दुकानों से मिल रही चीनी से टपक रहा पानी
सस्ता गल्ला दुकानों में बंट रही चीनी से पानी टपक रहा है। वहीं गेहूं-चावल की गुणवत्ता भी ठीक नहीं है। राशन डीलरों का कहना है कि कई दुकानों पर चावल ऐसा भेजा जा रहा है, जो खाने योग्य नहीं हैं। वहीं गेहूं भी बारीक और काला भेजा जा रहा है। कार्ड धारक भी अधिकारियों से इस संबंध में शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
सस्ते गल्ले की दुकानों पर बंट रहा राशन अपनी गुणवत्ता को लेकर फिर सवालों के घेरे में आ गया है। सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद के अध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता ने कहा कि अगस्त में कई राशन डीलरों की दुकान में बेहद घटिया गुणवत्ता का राशन भेजा गया। इससे कार्ड धारक भी उन पर सवाल उठा रहे हैं। चावल, गेहूं और चीनी तीनों की यही स्थिति है। चावल की शिकायत डीएसओ से भी की थी, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कहा कि अगर विभाग के अधिकारी और सरकार के प्रतिनिधि इस राशन को खा सकें, तभी इसका वितरण भी किया जाएगा। उधर, ट्रांसपोर्ट नगर स्थित गोदाम प्रभारी हरेंद्र रावत ने कहा कि कुछ एक बोरी में ऐसा राशन गया हो इसकी संभावना है, लेकिन हर बोरी में ऐसा राशन नहीं हो सकता। जिस भी डीलर को खराब गुणवत्ता का राशन और चीनी मिली है, वह गोदाम से बदलवा सकता है।