उत्तराखण्ड

डीएम ने दिए आदेश सरकारी स्कूल में फर्नीचर की व्यवस्था की जाए,कोई भी बच्चा स्कूल में जमीन पर बैठा न दिखे’

देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल देहरादून में तैनाती के बाद से ही तमाम व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। अब जिलाधिकारी ने स्कूलों की दशा सुधारने की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं।

डीएम ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दो टूक कहा कि कोई भी बच्चा जमीन पर बैठा न दिखे। इसके लिए फर्नीचर की समुचित व्यवस्था की जाए। साथ ही कहा कि चाक (कैल्शियम कार्बोनेट) वाले ब्लैकबोर्ड भी हटाए जाएं और इनकी जगह व्हाइटबोर्ड का प्रयोग किया जाए। क्योंकि, चाक के संपर्क में आने से बच्चों को पेट दर्द, मतली, उल्टी, कब्ज, दस्त, एलर्जी आदि की समस्या हो सकती है।

अवकाश के दिन भी सक्रिय नजर आए डीएम

स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर जिलाधिकारी सविन बंसल रविवार को अवकाश के दिन भी सक्रिय नजर आए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों की बैठक लेते हुए निर्देश दिए कि स्कूलों में सभी मूलभूत सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए। बिजली और शौचालय की समुचित व्यवस्था की जाए। स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराते हुए पानी की टंकियों की मरम्मत के साथ ही समय पर सफाई आवश्यक है। विद्यालयों में बच्चों को पौष्टिक भोजन मुहैया करने के लिए भी जिलाधिकारी कड़े निर्देश जारी किए।

स्कूल को तैयार कराएं वर्चुअल क्लास के हिसाब से

जिलाधिकारी बंसल ने कहा कि प्रत्येक स्कूल में डिजिटल स्क्रीन अनिवार्य की जाए और प्रत्येक कक्षा कक्ष में कम से कम 2 एलईडी बल्ब लगाए जाएं। वर्चुअल क्लास के हिसाब से भी कक्षाओं को तैयार करने को कहा गया। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि किसी भी कार्य में धन की कमी पैदा नहीं होने दी जाएगी। स्कूलों को हर तरह से स्मार्ट बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार किए जाएं और उन्हें शीघ्र स्वीकृति प्रदान की जाएगी।

सभी कार्यों के लिए धन होगा आवंटित

इस दौरान डीएम ने समग्र शिक्षा अभियान की गहन समीक्षा करते हुए गैप फंडिंग की जिम्मेदारी स्वयं पर लेते हुए कहा कि सभी कार्यों के लिए समय पर धन आवंटित किया जाएगा। बैठक में मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत, उप शिक्षा अधिकारी नगर, खंड शिक्षा अधिकारी विकासनगर विनिता कठैत, कालसी से निशा, सहसपुर से कुंदन सिंह, उप शिक्षा अधिकारी डोईवाला धनवीर सिंह बिष्ट आदि उपस्थित रहे।

05वीं तक के बच्चों के लिए झूले, खेलकूद को बढ़ावा

जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा के साथ खेलकूद की गतिविधियों को भी बढ़ावा देने की जरूरत है। स्कूलों में कम से कम एक आउटडोर स्पोर्ट्स सुविधा बनाने और खेल अवस्थापनाएं स्थापित की जानी चाहिए। इस दिशा में वालीबाल और बास्केटबाल जैसे खेल बेहतर हो सकते हैं। कक्षा 01 से 05 तक के बच्चों के लिए झूले, स्लाइड, खेल के विभिन्न साधन और कक्षा 06 से 12वीं तक के लिए खेल अवस्थापनाओं का विकास किया जाएगा। इसके लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी को दिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के दिए निर्देश दिए गए।

समाचार पत्र, पत्रिका और महापुरुषों की जीवनी अनिवार्य

जिलाधिकारी ने प्रत्येक स्कूल में समाचार पत्र, पत्रिका, शब्दकोष और महापुरुषों की जीवनी को भी अनिवार्य किया है। स्कूलों के सौंदर्यीकरण तथा कक्षाओं में ज्ञानवर्धक, बच्चों हेतु आकर्षक पेंटिंग बनाने के भी निर्देश जारी किए।

सुविधाओं की कसौटी पर देहरादून के विद्यालय

लड़कों के शौचालय नहीं: 94

लड़कियों के शौचालय नहीं : 55

पेयजल सुविधा नहीं : 35

रैंप की सूचविध नही: 144

विद्युतीकरण नहीं : 60

पुस्तकालय नहीं: 217

खेल मैदान नहीं: 497

जिले में कुल स्कूल: 1267

जागरण उठता रहा है स्कूलों में सुविधाओं का मुद्दा

स्कूलों में विभिन्न छात्र सुविधाओं को लेकर दैनिक जागरण प्रमुखता से खबरें प्रकाशित करता रहा है। जिसमें बताया गया है कि स्कूलों की दशा में सुधार के लिए बजट की कमी नहीं है, लेकिन अधिकारियों के उपेक्षित रवैए के चलते राजधानी दून तक के स्कूल सुविधाओं की बाट जोह रहे हैं।

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