धामी चुनावी घोषणाओं को लेकर अपने पूर्ववर्तियों पर पड़ सकते भारी, इन योजनाओं पर बरसा धन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनावी घोषणाओं को लेकर अपने पूर्ववर्तियों पर भारी पड़ सकते हैं। 2022 के महासमर में जाने से पहले धामी अपनी घोषणाओं को सधे तरीके से जमीन पर उतार रहे हैं। तकरीबन चार महीने बाद ही 1353.79 करोड़ के दूसरे अनुपूरक बजट में भी धामी सरकार ने अपने एजेंडे पर ही आगे कदम बढ़ाए हैं। सड़कों, पुलिया समेत विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए सरकार ने पोटली खोली है।
विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ी धामी सरकार ने दूसरे अनुपूरक बजट के रूप में जोखिम से जूझने का हौसला दिखाया है। इस बजट के उपयोग के लिए सरकार के सामने वक्त बेहद सीमित है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते जुलाई माह में मुख्यमंत्री पद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाली थी। इसके तुरंत बाद धामी सरकार ने बीते अगस्त माह में विधानसभा के मानसून सत्र में 5720.78 करोड़ रुपये का पहला अनुपूरक बजट पेश किया था। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को सदन में दूसरा अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया गया।
7074 करोड़ खर्च करने की चुनौती
चुनावी साल में अब कुल 7074.57 करोड़ के अनुपूरक बजट को खर्च करने की चुनौती सरकार के सामने है। दूसरे अनुपूरक बजट में राजस्व मद में 1168.90 करोड़ और पूंजीगत मद में 184.88 करोड़ की राशि की व्यवस्था की गई है। दूसरे अनुपूरक बजट को अंतिम रूप देने में सरकार ने खासी मशक्कत की है। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रियों के साथ मुलाकात का लाभ केंद्रीय योजनाओं में ज्यादा धनराशि जुटाने के रूप में मिला है। मुख्यमंत्री धामी ने अपनी घोषणाओं को अनुपूरक बजट के जरिये मूर्त रूप देने की राह तैयार कर ली है।
दूसरे अनुपूरक बजट में ऐसे की गई धन की व्यवस्था
(राशि करोड़ रुपये में )
कल्याण योजनाएं-83.80
ग्राम्य विकास-104.67
लोक निर्माण विभाग-150
परिवहन-13.88
वित्त, कर, नियोजन, सचिवालय-210.28
राजस्व एवं सामान्य प्रशासन-668.36
इन योजनाओं पर बरसा धन
-आपदा राहत निधि के अंतर्गत एसडीआरएफ के लिए 666.36 करोड़
-महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत नंदा गौरा योजना को 80 करोड़
-प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित सड़कों की मरम्मत को 50 करोड़
-लोक निर्माण विभाग के तहत मार्गों व पुलिया के अनुरक्षण को 50 करोड़
-लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत राज्य सेक्टर में निर्माण कार्य को 100 करोड़
-पर्यावरण निदेशालय में अन्य विभागीय खर्च और सब्सिडी को 10 करोड़