दिल्ली पुलिस ने योगेंद्र यादव, बलदेव सिरसा और बलबीर एस राजेवाल समेत कम से कम 20 किसान नेताओं को जारी किया
26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के संबंध में पुलिस के साथ समझौते को तोड़ने के लिए योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर एस राजेवाल सहित कम से कम 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किए। उन्हें 3 दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है।
LIVE Farmers Protest News:
- गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद बृहस्पतिवार को भी दिल्ली-एनसीआर में कड़ी सुरक्षा है। दिल्ली के विभिन्न इलाकों में पुलिस के जवान मुस्तैद हैं। इस बीच लाल किला के आसपास सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है। यहां चप्पे-चप्पे पर निगरानी की जा रही है। मंगलवार को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस ने यह फैसला लिया है।
- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) बृहस्पतिवार दोपहर उन पुलिसकर्मियों से मिलने अस्पताल जाएंगे। जो मंगलवार को हुई किसानों की हिंसा में घायल हुए हैं और उनका अस्पतालों में इलाज चल रहा है। वहीं, दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने एहतियात बरतते हुए बृहस्पतिवार को लाल किला और जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन पर एंट्री और एग्जिट गेट बंद कर दिए हैं। नेशनल हाई-वे 24 पर बृहस्पतिवार सुबह से आवागमन शुरू हो गया है। इससे दिल्ली और यूपी के लोगों को राहत मिली है।
- ट्रैक्टर परेड के नाम पर हुए उपद्रव से ट्रेन यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित होने के साथ ही यात्री समय पर रेलवे स्टेशन नहीं पहुंच सके। कई यात्री ट्रेन नहीं पकड़ सके। इन यात्रियों को राहत देने के लिए रेल प्रशासन ने किराया वापस करने का फैसला किया है।
- कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान दिल्ली में उपद्रव करने वाले उपद्रवियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू दिया है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अबतक 22 एफआइआर दर्ज की है। एफआइआर में 50 से अधिक किसान नेताओं को नामजद किया गया है। जांच में जैसे-जैसे अन्य किसान नेताओं व उपद्रवियों के उपद्रव करने में संलिप्तता पाई जाएगी उनकी पहचान करने के बाद पुलिस उन्हें मुकदमें में आरोपित बनाएगी।
24 घंटे बाद बहाल हो सकी इंटरनेट सेवा
राजधानी में गणतंत्र दिवस पर हुए उपद्रव के चलते मंगलवार दोपहर को इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। पूरी रात इंटरनेट बंद रहा और बुधवार दोपहर को ही सेवाएं बहाल हो सकी। हालांकि इसके बाद भी काफी देर तक कई मोबाइल कंपनियों की इंटरनेट स्पीड कम रही। इसको लेकर लोग तरह-तरह के ट्वीट भी करते रहे। राजधानी और आस-पास के शहरों में इंटरनेट सेवा बंद करने का मकसद यही था कि गलत और भ्रामक संदेश न फैलें, ताकि उपद्रव को शांति से नियंत्रित किया जा सके। इंटरनेट सेवाएं बाधित होने के चलते उन लोगों को समस्या का सामना करना पड़ा, जिनके पास वाई-फाई की सुविधा नहीं थी।