उत्तराखण्ड

उत्तराखंड में कोरोना के मामले तेज रफ्तार से बढ़ रहे, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून। दून में कोरोना संक्रमण की स्थिति विस्फोटक बनी हुई है। वह भी तब जब कम संख्या में सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। देहरादून की तुलना में हरिद्वार में कई ज्यादा सैंपल की जांच की जा रही है। पर वहां पर संक्रमण दर कम है। इस लिहाज से देखा जाए तो दून में संक्रमण दर काफी अधिक है।

उत्तराखंड में कोरोना के मामले तेज रफ्तार से बढ़ रहे हैं। पिछले दस दिन में प्रदेश में कोरोना के 6128 मामले आए हैं। यानी छह सौ से ज्यादा लोग हर दिन संक्रमित हो रहे हैं। जिनमें 43 फीसद मामले देहरादून जनपद से हैं। जबकि तीस फीसद मामले धर्मनगरी हरिद्वार से हैं। इस हिसाब से सत्तर फीसद से ज्यादा मामले इन्हीं दो जनपद में आ रहे हैं। अब यदि सैंपल पॉजिटिविटी रेट या संक्रमण दर की स्थिति देखी जाए तो दून की स्थिति कई ज्यादा भयावह दिखती है।

पिछले दस दिन में हरिद्वार में एक लाख 56 हजार 478 सैंपल की जांच की गई है। इनमें 1788 लोग संक्रमित मिले हैं। इस हिसाब से संक्रमण दर यहां 1.14 फीसद रही है। जबकि दून की स्थिति बिल्कुल उलट है। यहां दस दिन में 45278 ही सैंपल की जांच की गई। जिनमें 2605 पॉजिटिव आए हैं। यानी 5.75 फीसद सैंपल पॉजिटिविटी रेट। यानी हालात चिंताजनक हैं। कुंभ को देखते हुए हरिद्वार में कोरोना के मामले बढ़ने की आशंका जताई गई थी, पर दून में मामले कई गुना तेजी से बढ़ रहे हैं।

जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि हाईकोर्ट ने कुंभ के मद्देनजर हरिद्वार में हर दिन करीब 50 हजार जांच का आदेश दिया हुआ है, जिसमें एंटीजन जांच की संख्या अधिक है। जबकि दून में ज्यादातर आरटीपीसीआर जांच ही की जा रही है। आरटीपीसीआर जांच की एक्यूरेसी ज्यादा है।

दून में चार नए कंटेनमेंट जोन

दून में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के साथ कंटेनमेंट जोन की संख्या भी निरंतर बढ़ रही है। शुक्रवार को भी चार नए कंटेनमेंट जोन बनाए गए। अब जिले में कंटेनमेंट जोन की कुल संख्या 28 हो गई है। जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव के आदेश के मुताबिक फॉरेस्ट कॉलेज, एफआरआइ, कॉन्वेंट रोड का एक भाग, जाटव बस्ती ऋषिकेश और एटनबाग विकासनगर में कंटेनमेंट जोन बनाया गया।

जिलाधिकारी के अग्रिम आदेश तक कंटेनमेंट जोन से कोई भी व्यक्ति बाहरी क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर पाएगा। जरूरत की वस्तुओं की आपूर्ति जिला प्रशासन सुनिश्चित कराएगा। वहीं, मुख्य चिकित्साधिकारी को कंटेनमेंट जोन और इससे सटे क्षेत्र-परिसर में कोरोना की जांच के लिए सैंपलिंग बढ़ाने को कहा गया है। बीते गुरुवार को सेलाकुई स्थित होपटाउन गर्ल्स स्कूल का केवल एक ब्लॉक पाबंद किया गया था।

टेस्ट और ट्रैक में सुस्ती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना से निपटने के लिए तीन ‘टी’ यानी टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट के साथ आम जन के सही व्यवहार और प्रबंधन को इस संकट से लड़ने का मूलमंत्र दिया है। पर दून में जांच में सुस्ती दिखाई दे रही है। यहां पिछले दस दिन में यहां हर दिन औसतन साढ़े चार हजार सैंपल की जांच की गई है। जिस तेजी से मामले बढ़ रहे हैं, सैंपलिंग का भी दायरा बढ़ाने की जरूरत है। पर सिस्टम की सुस्ती नहीं टूट रही है, जबकि सैंपलिंग बढ़ने से और भी ज्यादा मामले पकड़ में आएंगे। जांच कम होने से अंजाने में कई मरीज अन्य लोग को संक्रमण देते रहेंगे।

12 और 14 को कोई अवकाश स्वीकृत नहीं

जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कुंभ मेला और कोरोना महामारी के मद्देनजर 12 और 14 अप्रैल को किसी प्रकार के अवकाश पर रोक लगा दी है। समस्त जिलास्तरीय अधिकारियों को मुख्यालय में ही बने रहने और सौपे गए उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि उक्त तिथियों में किसी भी जिला स्तरीय अधिकारी को अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा और न ही मुख्यालय छोड़ने की अनुमति रहेगी। यदि कोई अवकाश पूर्व स्वीकृत किया गया है तो उसे निरस्त समझा जाएगा।

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