सीएम तीरथ सिंह रावत बोले, घोषणा तभी पूर्ण मानी जाय जब वह धरातल पर दिखाई दें
देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई बहानेबाजी नहीं होनी चाहिए। घोषित योजनाएं तभी पूरी माने जाएं, जब वे धरातल पर नजर आएं। इसमें कार्यवाही अथवा गतिमान शब्द का प्रयोग नहीं होना चाहिए। उन्होंने अवशेष घोषणाओं की डीपीआर 15 जुलाई तक तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरुवार को सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बागेश्वर एवं अल्मोड़ा जिलों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सचिव एवं विभागाध्यक्ष आपसी समन्वय से योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करें। यह विभागीय प्रमुखों की जिम्मेदारी है कि योजनाएं समयबद्धता और गुणवत्ता के साथ पूर्ण हों। अपूर्ण योजनाओं की डीपीआर जल्द तैयार कर उनके लिए धनराशि स्वीकृत करने के साथ ही टेंडर प्रक्रिया अविलंब प्रारंभ की जाए।
उन्होंने सल्ट विधानसभा की पंपिंग पेयजल योजना तथा अल्मोड़ा की खत्याड़ी ग्रामसभा समूह पेयजल योजना के प्रस्ताव अविलंब जल जीवन मिशन के तहत भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने विकासखंड ताकुला जाने वाले मार्ग के निर्माण के लिए वन विभाग एवं लोक निर्माण विभाग से आपसी विचार-विमर्श के बाद दो सप्ताह में निर्णय लेने को कहा। मुख्यमंत्री ने पर्वतीय क्षेत्रों में निर्मित होने वाली सड़कों व पुलों के निर्माण में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों के अभी टेंडर नहीं हुए हैं, उनके जल्द टेंडर कर लिए जाएं, ताकि बरसात के बाद उन पर कार्य शुरू किया जा सके।
बैठक में बताया गया कि कपकोट विधानसभा के लिए कुल 37 घोषणाएं की गई हैं। इनमें से 20 पूर्ण हो चुकी हैं, शेष पर कार्यवाही गतिमान है। इसी प्रकार बागेश्वर के लिए की गई 29 घोषणाओं में से 19 पूर्ण हो चुकी है। अल्मोड़ा में 32 घोषणाओं में से 16, सल्ट के लिए की गई 76 घोषणाओं में से 49, द्वाराहाट की 16 में से 15 और सोमेश्वर की 74 घोषणाओं में से 37 पूर्ण हो गई हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार शत्रुघ्न सिंह, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, आनंद वद्र्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली, आर मीनाक्षी सुंदरम, एसए मुरुगेशन और रणजीत सिन्हा के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य, विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, चंदन रामदास, महेश जीना के अलावा जिलाधिकारी अल्मोड़ा व बागेश्वर भी उपस्थित थे।