जय दिवस समारोह: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि।
बांग्लादेश में हिंसा: हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों को बताया मानवता पर आघात।
1971 का गौरवशाली युद्ध: भारतीय सेना ने दुश्मन को हराया, पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों ने किया आत्मसमर्पण।
सैनिक कल्याण योजनाएँ: वीर सैनिकों और उनके परिवारों के लिए सरकार के विभिन्न प्रयासों पर प्रकाश डाला।
विजय दिवस समारोह में श्रद्धांजलि
देहरादून के गांधी पार्क में आयोजित विजय दिवस समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने 1971 के युद्ध के गौरव को याद करते हुए कहा कि यह युद्ध भारत के स्वाभिमान और मानवता की रक्षा का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 1971 के युद्ध में भारत के 3,900 से अधिक जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे, जिनमें उत्तराखंड के 255 बहादुर सैनिक भी शामिल थे। उन्होंने यह भी कहा कि यह युद्ध न केवल सैन्य शक्ति का प्रदर्शन था, बल्कि भारतीय सेना की कुशलता और साहस का परिचायक भी था।
बांग्लादेश में हिंसा पर सीएम धामी का बयान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों और हिंसा पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जिस बांग्लादेश को आज़ादी दिलाने के लिए भारतीय सेना ने बलिदान दिया, वहां आज सांप्रदायिक ताकतें मानवता के मूल्यों को आघात पहुँचा रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा न्याय और मानवता के पक्ष में खड़े होकर दुनिया को दिखाया कि वह जरूरत पड़ने पर किसी का भी साथ देने को तैयार है।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सेना को मिला नया सशक्तिकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले सेना के साहस को राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेना को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा:
- गोलियों का जवाब गोले से: सेना को अब हमले का मुँहतोड़ जवाब देने के लिए आदेश की जरूरत नहीं पड़ती।
- आत्मनिर्भर भारत: भारत न केवल अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा कर रहा है, बल्कि 70 से अधिक देशों को रक्षा सामग्री निर्यात कर रहा है।
सैनिकों और उनके परिवारों के लिए योजनाएँ
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि राज्य सरकार सैनिकों के कल्याण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने निम्नलिखित घोषणाएँ कीं:
- शहीद सैनिकों की वीरांगनाओं और वीर माताओं के लिए मुफ्त बस यात्रा।
- शहीद सैनिकों के आश्रितों को नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी।
- वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को मिलने वाली अनुदान राशि में बढ़ोतरी।
- अनुदान राशि में शहीदों की पत्नी और माता-पिता दोनों को समान अधिकार दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं सैनिक पुत्र हैं, इसलिए इन योजनाओं से उन्हें विशेष संतोष मिलता है।
सम्मान और भविष्य की योजनाएँ
समारोह के अंत में मुख्यमंत्री ने 1971 के युद्ध के वीर सैनिकों और वीर नारियों को सम्मानित किया। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि उत्तराखंड में सैन्य धाम का निर्माण पूरा हो चुका है, जिसका जल्द लोकार्पण किया जाएगा।
शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक ने यह साबित कर दिया कि भारत किसी भी चुनौती का जवाब देने में सक्षम है।
मुख्य अतिथियों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे:
- सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी
- शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल
- विधायक खजान दास
- जिलाधिकारी सविन बंसल
- एसएसपी अजय सिंह
- पूर्व सैन्य अधिकारी और वीरांगनाएँ