उत्तराखण्ड

रुद्रप्रयाग में फटा बादल, चमोली में बोल्‍डर की चपेट में आने से एक की मौत

उत्तराखंड में रविवार देर रात से हो रही बारिश से बरसाती नदियां उफान पर हैं। भूस्खलन के चलते यातायात भी बाधित हो रहा है। रुद्रप्रयाग जिले के विकास खंड जखोली के सिरवाड़ी गांव में बीती रात को बादल फटने से आधा दर्जन आवासीय भवनों के ऊपर मलवा आ गया। गांव को जाने वाली सड़क, संपर्क मार्ग, पेयजल और विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त हो गई हैं। ग्रामीणों की सिंचित व असिंचित भूमि भी नष्ट हो गई। बता दें कि वर्ष 1986 में इस गांव में बादल फटने से कई ग्रामीणों की जान गई थी। वहीं, चमोली जिले के गोपेश्वर-पोखरी सड़क पर कार के ऊपर बोल्डर गिरने से पोखरी के नगर पंचायत के ईओ नंदराम तिवारी की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, चार लोग वाहन में सवार थे। इसी दौरान चट्टान से छोटे-छोटे पत्थर गिरते देख वाहन से जहां तीन लोग चिल्लाते हुए बाहर निकल गए, लेकिन वाहन चला रहे ईओ नंदराम तिवारी को भागने का मौका नहीं मिला। देखते ही देखते कार बोल्डर की चपेट में आ गई। इससे उनकी मौत हो गई।

सोमवार सुबह से हो रही बारिश के बाद देहरादून में बिंदाल नदी में जलस्तर बढ़ने लगा। नदी किनारे सटे मकानों में भी खतरा पैदा हो गया है। बारिश से द दून स्कूल की दीवार गिर गई। किशन नगर क्षेत्र में नाले का जलस्तर बढ़ गया है। इस दौरान घरों में पानी पहुंच गया। बारिश के बाद जीएमएस रोड के संगम विहार में एक दीवार गिर गई। इससे कई वाहन क्षतिग्रस्‍त हो गए। वहीं, हरिद्वार में गंगा चेतावनी रेखा से 60 सेमी नीचे बह रही है।

मसूरी के पास कैम्पटी फॉल में उफान आने से आसपास की दुकानों में मलबा घुस गया। इसके अलावा चमोली जिले में रातभर से हो रही बारिश अभी थम गई है। बदरीनाथ हाईवे लामबगड़, पागलनाला, क्षेत्रपाल में भूस्खलन से बंद है। सोमवार को केदारनाथ पैदल मार्ग पर आवाजाही शुरू हो गई है। 300 यात्री सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए रवाना हुए हैं।  कुमाऊं में भी हालात गढ़वाल की तरह ही हैं। रुद्रप्रयाग जनपद के केदारघाटी में रात से तेज बारिश हो रही है। गौरीकुंड हाईवे तीन स्थानों पर मलबा आने से अवरुद्ध है। जखोली में भी बारिश से बरसाती गधेरों (नालों) में जलस्‍तर बढ़ गया है। चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़कें मलबे से बंद हैं। वहीं पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में पैदल मार्गों पर बने दो पुल बह गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार से प्रदेश में बारिश से राहत के आसार नजर आ रहे हैं।

सुसवा नदी का जलस्‍तर बढ़ा, कई घरों में पानी घुसा

देहरादून के डोईवाला विकासखंड के अंतर्गत कैमरी गांव दूधली में बारिश के कारण अचानक सुसवा नदी में पानी आने से कई जगह पूशते गिर गए हैं। कुछ जगह भूमि का कटाव भी हो गया है। रविवार को बुलावाला क्षेत्र में भी नदी का पानी बाढ़ बनकर कई घरों में घुस गया था। जिससे कई ग्रामीणों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। दर्जाधारी करण वोहरा ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। इस दौरान दूधली के प्रधान श्याम सिंह, उमेद बोरा, राजकुमार, सुंदर दास, मुकेश कोली, अजय रावत ने क्षेत्र में हुए नुकसान की जानकारी दी।

नाले में बही कार 

देहरादून के सहस्रधारा रोड डीजी हेल्थ आफिस के पास बीती रात एक गाड़ी स्विफ्ट कार (यूके 07 डीबी 1944) पुल पार करते समय नीचे नाले के पानी मे बह गई। उसमें एक ही व्यक्ति था, जो गाड़ी से सकुशल निकल कर संबंधित पुलिस चौकी आइटी पार्क में चला गया है।

टिहरी में मलबे में दबे 10 मवेशी

टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक के सीमांत गांव गंगी गांव के ओखलियारा शिवालय के पास बीती रात तेज बारिश के कारण गदेरे (बरसाती नाले) में बाढ़ आने के कारण ग्रामीणों की दो गौशालाओ में लगभग 10  मवेशी दब गए। कुछ ग्रामीणों के मकान भी आंशिक क्षतिग्रस्‍त हो गए है।

द दून स्कूल की दीवार गिरी

देहरादून में करीब सुबह चार बजे बारिश शुरू हुई । लगातार हुई बारिश के बाद करीब साढ़े छह बजे दून स्कूल चकराता रोड स्थित दीवार गिर गई। इससे पूरी सड़क पर जाम जैसी स्थिति हो गयी है। पास की एक बिल्डिंग में मलबा भी घुस गया है। बता दें कि पिछले साल भी बारिश से दून स्कूल की एक दीवार गिर गई थी।

देहरादून में बरसाती नदियां ऊफान पर 

रात भर लगातार बारिश होने से देहरादून में बरसाती नदियां ऊफान पर हैं। रिस्पना और बिंदाल नदी ने तो कहर बरपा दिया। कई घरों में पानी घुस गया। कैंट विधानसभा क्षेत्र में श्रीदेव सुमन नगर वार्ड व गोविंदगढ़ में नाला टूटने से अनेक मोहल्लों में बरसात का पानी भर गया है। वहीं, जीएमएस रोड स्थित लेन नंबर सात मोहित नगर में भी पुश्ता टूटने से कई घरों में पानी घुस गया है।

प्रदेश में बारिश और भूस्खलन से 50 से ज्यादा मार्गों पर यातायात प्रभावित है। पिथौरागढ़ की मुनस्यारी तहसील में यहां शनिवार रात 10 बजे से शुरू  हुई बारिश रविवार दिनभर जारी रही। थल-मुनस्यारी मोटर मार्ग पर भारी मात्रा में मलबा आ गया। रविवार सुबह 11 बजे किसी तरह से आवागमन बहाल हो सका। चीन सीमा को जोडऩे वाला धारचूला तहसील का तवाघाट- गर्बाधार और मुनस्यारी तहसील का मिलम मोटर मार्ग भी नहीं खोला जा सका है। जिले में काली नदी का जलस्तर फिर चेतावनी रेखा पर पहुंच गया है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार सोमवार से बारिश में कमी आ सकती है। बावजूद इसके हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी और टिहरी में कहीं-कहीं भारी बारिश संभव है। इसके अलावा कुछ स्थानों पर आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका है।

58 परिवारों ने जागकर बिताई रात 

जुलाई में आपदा की मार झेल चुके पिथौरागढ़ के गरघनिया और बलौटा तोक के ग्रामीण शनिवार रात बारिश के दौरान जागते रहे। गांव से लगी हंसापानी और दलानी पहाड़ि‍यों से लगातार पत्थर गिरते रहे। इससे गांव के बीच से बहने वाला नाला भी उफान पर है।

सांसद ने रक्षा मंत्री को लिखा पत्र 

पिथौरागढ़ जिले में बारिश के कारण मुनस्यारी और धारचूला में लगातार खराब हो रहे हालात पर सांसद अजय टम्टा ने रविवार को रक्षा मंत्री को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि चीन और नेपाल सीमा से लगे इस क्षेत्र में कई सड़कें बाधित हैं, जिससे स्थानीय लोगों को खासी दिक्कत हो रही है। उन्होंने क्षेत्र में तैनात सीमा सड़क संगठन के माध्यम से बंद पड़ी सड़कों को खोलने की मांग की।

विभिन्न शहरों में तापमान

  • शहर————–अधि.——————– न्यून.
  • देहरादून ———-30.2——————–25.5
  • उत्तरकाशी ——-25.2 ——————-19.2
  • मसूरी ————-24.3——————–17.5
  • टिहरी————–23.8——————–19.0
  • हरिद्वार ———–33.4——————–27.3
  • जोशीमठ————23.5——————–16.6
  • पिथौरागढ़ ———-24.2——————–20.2
  • अल्मोड़ा————-25.8——————–20.3
  • मुक्तेश्वर————20.0——————–17.2
  • नैनीताल ————21.7 ——————–18.0
  • यूएसनगर———–29.3——————–24.0
  • चंपावत————-25.3——————–20.6

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