उत्तराखण्ड

चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में फिर की घुसपैठ, चार किमी अंदर तक घुसे

चमोली: उत्तराखंड में चमोली से सटी सीमा पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जुलाई के बाद अगस्त में भी चीन के सैनिकों ने बाड़ाहोती क्षेत्र में घुसपैठ की। बताया जा रहा है कि इस दौरान चीनी सैनिक सीमा से चार किलोमीटर भीतर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) की चौकी के करीबतक आ गए। जवानों के कड़े प्रतिरोध के बाद ये सैनिक वहां से लौटे। हालांकि चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने किसी तरह की घुसपैठ की जानकारी से इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि इस बारे में सेना ही कुछ बता सकती है।

इससे पहले इस साल जुलाई में भी बाड़ाहोती इलाके में चीनी के सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार कर भारतीय इलाके में घुसे थे। यह हरकत एक बार नहीं, पांच बार दोहराई गई। तब तीन, छह, सात, आठ और दस जुलाई को सीमा का अतिक्रमण किया गया। इस दौरान इन सैनिकों की आइटीबीपी के जवानों से नोकझोंक भी हुई। सूत्रों के अनुसार करीब एक माह बाद छह अगस्त को करीब दो दर्जन चीनी सैनिक फिर भारतीय सीमा के भीतर देखे गए।

बताया जा रहा है कि ये लोग करीब 200 मीटर भीतर तक आ गए थे। कुछ देर रुकने के बाद सैनिक लौट गए। इसके बाद चीनी सैनिक  14 अगस्त को पुन: भारतीय इलाके में घुस आए। इनकी संख्या करीब दो दर्जन बताई जा रही है। ये सैनिक सीमा से चार किलोमीटर भीतर तक आइटीबीपी की चेकपोस्ट तक पहुंचे। इस पर चौकी पर तैनात जवानों के कड़ा प्रतिरोध जताने के बाद सैनिक लौट गए। अगले दिन यानी 15 अगस्त को भी चीनी सैनिक बाड़ाहोती क्षेत्र में एक पहाड़ की चोटी के आसपास देखे गए। हालांकि वे नीचे मैदान तक नहीं आए। सूत्रों के अनुसार आइटीबीपी ने मामले की रिपोर्ट केंद्रीय गृहमंत्रालय को भेजी है।

प्रशासन ने बाड़ाहोती भेजी टीम

चमोली जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया के निर्देश पर प्रशासन की 18 सदस्यीय टीम बाड़ाहोती क्षेत्र में भेजी गई। चार सितंबर को रवाना हुई टीम 10 सितंबर को वहां से लौटी है। डीएम ने इसे नियमित गश्त का हिस्सा बताते हुए कहा कि टीम के अनुसार बाड़ाहोती में हालात सामान्य हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष में चार बार प्रशासन की टीम बाड़ाहोती क्षेत्र का जायजा लेने जाती है।

पहले भी होती रही है घुसपैठ

चमोली के जोशीमठ से 105 किलोमीटर दूर चीन से जुड़ी सीमा घुसपैठ की दृष्टि से हमेशा संवेदनशील रही है। विशेषकर 80 र्ग किलोमीटर में फैले बाड़ाहोती चारागाह में चीनी सैनिक कई बार देखे गए हैं। वर्ष 2014 में क्षेत्र में चीन का विमान देखा गया था। इसके बाद जुलाई 2016 में क्षेत्र के निरीक्षण को गई राजस्व टीम का चीनी सेना से सामना हुआ था। वर्ष 2015 में चीनी सैनिकों ने यहां चरवाहों की खाद्यान्न सामाग्री नष्ट कर दी थी।

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि बाड़ाहोती में चीनी घुसपैठ की कोई जानकारी नहीं है। सीमा पर सुरक्षा बल पूरी तरह से मुस्तैद हैं। जिला प्रशासन भी हालात पर नजर रखे हुए है।

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