मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के सिविल अस्पताल में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ली
लखनऊ, वैश्विक महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रदेश सरकार वैक्सीनेशन के माध्यम से दो-दो हाथ करने में डटी हुई है। इसी कड़ी में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में नर्स रश्मि सिंह से कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज लगवाई है। टीका लगवाने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं टीका उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को धन्यवाद देता हूं। मैं देश के वैज्ञानिकों को भी धन्यवाद देता हूं। टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। अपनी बारी आने पर हम सभी को इसे अपनाना चाहिए।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अपील की है कि वैक्सीन लेने के बाद भी लोग सावधानियां बरतें। उन्होंने कहा कि कोविड की लहर उपयुक्त व्यवहार को देखने में हमारी शालीनता का परिणाम है। टीकाकरण अभियान के तहत अब 8 अप्रैल से वृहद टीकाकरण अभियान शुरू होने वाला है।
सीएम योगी ने भरा फॉर्म और लगवाई पहली डोज: मुख्यमंत्री वैक्सीनेशन को सोमवार सुबह 8:30 बजे से पहले ही सिविल अस्पताल पहुंच गए। हालांकि, वैक्सीनेशन सुबह 9:00 बजे से शुरू होता है। मुख्यमंत्री के आगमन की सूचना पर आनन-फानन में वैक्सीन लगाने वाले स्टाफ व डॉक्टर भी केंद्र पर पहुंच चुके थे। वैक्सीनेशन केंद्र पर सीएम योगी ने अपना फॉर्म भरा और को-वैक्सिन की पहली डोज ली। इसके बाद उन्होंने कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत 30 मिनट तक वैक्सीनेशन केंद्र पर इंतजार भी किया। इस दौरान उन्होंने साथ में मौजूद प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद से पूछा कि कोरोना के मामले इतने ज्यादा क्यों बढ़ रहे हैं? सीएम योगी के इस सवाल पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि लोगों द्वारा कुछ लापरवाहियां बरती जा रही हैं। इस वजह से संक्रमण बढ़ रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने सख्ती बरतने को कहा। ताकि तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण पर विराम लगाया जा सके।
वैक्सीनेशन केंद्र पर अकेले थे सीएम : डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में बने वैक्सीनेशन केंद्र पर सीएम योगी अकेले ही मौजूद थे। वहां पर अन्य लाभार्थी नहीं थे। वजह यह थी कि वह करीब आधे घंटे पहले ही वह पहुंच गए थे। लिहाजा इत्मीनान से उन्होंने वैक्सीन की डोज ली। निर्धारित समय तक इंतजार करने के बाद जब उन्हें कोई दिक्कत महसूस नहीं हुई तो वह चले गए। 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों की श्रेणी में उन्होंने वैक्सीन लगवाई। सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ एसके नंदा ने बताया कि अब सीएम को दूसरी डोज चार मई को दी जाएगी। वैक्सीन लगवाते समय और उसके बाद उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई। वह मुस्कुराते रहे। व्यवस्था से भी संतुष्ट नजर आए। सीएम ने कहा कि जिनको भी वैक्सीन मिल रही है, सभी लोग इसे लगवा लें।
यह भी लगवा चुके हैं वैक्सीन: इनसे पहले एक अप्रैल को सिविल अस्पताल में ही कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक के साथ उनकी पत्नी नम्रता पाठक, मुख्य सचिव आरके तिवारी तथा अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल ने पत्नी के साथ कोरोना वायरस वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। मुख्य सचिव के साथ उनकी पत्नी अर्चना तिवारी ने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह भी स्वदेशी वैक्सीन की पहली डोज लगवा चुके हैं।
प्रदेश के अस्पताल भी हाई अलर्ट पर : कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सभी जगह पर मरीजों के साथ ही उनके तीमारदारों का भी कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। लखनऊ में डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में सभी चिकित्सकों का अवकाश रद कर दिया गया है।
लोहिया इंस्टीट्यूट में नई व्यवस्था: लोहिया इंस्टीट्यूट में आज से नई व्यवस्था लागू की गई है। यहां पर अब सभी की कोविड जांच को जरूरी कर दिया गया है। मरीज के साथ अब तीमारदार को भी कोविड टेस्ट करवाना होगा।
बिना मास्क आने पर कड़ी कार्रवाई: किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में बिना मास्क परिसर में आने पर कार्रवाई होगी। यहां पर बिना मास्क के किसी के भी पकड़े जाने पर उसको 200 रुपए का जुर्माना देना होगा। यह नियम डॉक्टर्स, नर्सेज, स्टाफ तथा रेजिडेंट पर भी लागू होगा। इसके साथ ही मरीज और उनके परिजनों पर भी यह नियम लागू होगा।
प्रदेश में 19738 एक्टिव मरीज: बता दें, यूपी में कोरोना से संक्रमित 4,164 नए रोगी मिले और 31 मरीजों की मौत हो गई। करीब सात महीने पहले सितंबर में जब संक्रमण अपने उफान पर था, तब एक दिन में लगभग इतने रोगी मिल रहे थे। 27 सितंबर, 2020 को 4,403 मरीज मिले थे। अभी तक एक दिन में रिकार्ड 7,103 मरीज 11 सितंबर, 2020 को मिले थे। अक्टूबर से लगातार रोगियों की संख्या में गिरावट दर्ज हो रही थी। तीन मार्च, 2021 को जब केवल 77 रोगी मिले तो लगा कि संक्रमण थम जाएगा, लेकिन उल्टा इसने तेज रफ्तार पकड़ ली है। अब संक्रमण की रफ्तार 54 गुना तक बढ़ गई है। वहीं, इससे पहले 15 अक्टूबर को एक दिन में 36 लोगों की मौत हुई थी। महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डाक्टर डीएस नेगी और उनके स्टाफ के दो सदस्य भी संक्रमित हो गए हैं।
सबसे ज्यादा मरीजों वाले पांच जिले
जिला – रोगी
लखनऊ – 6,283
वाराणसी – 1,543
प्रयागराज – 1,516
कानपुर – 962
गौतम बुद्ध नगर – 484