देहरादून में यातायात होगा सुगम और कूड़ा प्रबंधन के तरीके होंगे स्मार्ट
देहरादून, अपना दून फिर बदलाव के दौर से गुजर रहा है। अच्छी बात है कि यह बदलाव बिल्कुल नए दौर का है। जहां हम स्मार्ट शहर की न सिर्फ कल्पना कर सकते हैं, बल्कि इस ख्वाब को बंद आंखों की जगह खुली आंखों से देख और महसूस भी कर सकते हैं। दून को हर लिहाज से स्मार्ट बनाने के लिए देहरादून स्मार्ट सिटी लि. कंपनी ने कुल 1407.5 करोड़ की योजना में से 894.7 करोड़ रुपये के प्रस्तावों पर काम शुरू कर दिया है।
इनमें से कई के टेंडर जारी कर दिए गए हैं तो कई कार्यों के लिए कंपनियों का चयन किया जा चुका है। हर एक काम स्मार्ट समाधानों से लैस होगा, जहां यातायात के लिए खुली-खुली सड़कें नजर आएंगी तो पैदल यात्रियों व साइकिल चलाने वालों की सुविधा का भी ख्याल रखा जाएगा। पेयजल के संसाधन भी बेहतर हो पाएंगे और स्मार्ट सिग्नल, स्मार्ट कूड़ेदान और ग्रीन बिल्डिंग जैसे ख्वाब भी दून की धरा पर उतर पाएंगे। कुल मिलाकर स्मार्ट सिटी कंपनी 23 कार्यों को धरातल पर उतारने के लिए जी जान से जुटी है। अधिकतर कार्यों को 2020-21 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस तरह देखें तो स्मार्ट दून का ख्वाब अधिक दूर नजर नहीं आता।
कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से संचालित होगा स्मार्ट दून
दून की तमाम स्मार्ट सेवाओं को एक जगह से कंट्रोल करने और सूचनाओं को एकत्रित करने के लिए स्मार्ट सिटी के तहत इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया जा रहा है। इसकी स्थापना आइटी पार्क स्थित आइटीडीए भवन में की जाएगी। इस योजना के तहत सभी प्रमुख चौराहों/तिराहों पर स्मार्ट सिग्नल/पोल लगाए जाएंगे। यातायात की डेंसिटी (घनत्व) आधारित ये सिग्नल स्वयं यह तय करेंगे, कि जिस लेन पर सर्वाधिक वाहन खड़े हो चुके हैं, वहां ग्रीन सिग्नल देना है। इन सिग्नल पर स्मार्ट कैमरे भी लगे होंगे, जो रेड लाइट जंप करने, बिना हेलमेट पहनकर वाहन चलाने व रेड लाइट जंप करने वाले वाहनों की सूचना कंट्रोल सेंटर को भेज देंगे। इसके साथ ही शहर के निगरानी तंत्र को बेहतर करने के लिए शहर के भीतर से लेकर सीमा क्षेत्रों में 700 के करीब सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
कूड़ादानों के 70 फीसद भरते ही स्वत: मिलेगी खाली करने की सूचना
इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के तहत सेंसर आधारित 80 भूमिगत कूड़ेदान भी लगाए जाएंगे, जिनके 70 फीसद भरते ही उसकी सूचना कंट्रोल सेंटर को मिल जाएगी। ताकि उन्हें खाली करने की कार्रवाई शुरू की जा सके। इसके तहत कूड़े उठान वाले स्मार्ट वाहन भी चलाए जाएंगे, जिनकी पूरी लोकेशन व टाइमिंग की निगरानी संभव होगी।
चार सड़कों का 8.1 किलोमीटर हिस्सा बनेगा स्मार्ट
स्मार्ट सिटी में स्मार्ट रोड की कल्पना भी आकार लेगी। इस योजना में शहर की प्रमुख चार सड़कों के 8.1 किलोमीटर हिस्से को शामिल किया गया है। स्मार्ट रोड के दोनों तरफ मल्टी-यूटिलिटी सर्विस डक्ट बनाई जाएंगी और धुएं को पकडऩे वाले सेंसर भी इसका हिस्सा होंगे। इसके साथ इन सड़कों पर स्मार्ट एलईडी लाइट सेंसर के साथ, संदेश बताने वाले बोर्ड, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग प्वाइंट, स्मार्ट पार्किंग, स्मार्ट बस स्टॉप, पैदल चलने वाले लोगों के लिए बेहतर क्रॉसिंग आदि की व्यवस्था रहेगी। पहले चरण में हरिद्वार रोड व ईसी रोड, जबकि दूसरे चरण में राजपुर रोड व चकराता रोड को स्मार्ट बनाया जाएगा।
सड़कों का यह हिस्सा होगा स्मार्ट
-हरिद्वार रोड (प्रिंस चौक-आराघर चौक), 1.5 किमी
-ईसी रोड (आराघर-बहल चौक), 2.9
-चकराता रोड (घंटाघर-किशननगर चौक), 1.9
कुल लंबाई, 8.1 किमी।
ऐतिहासिक पलटन बाजार में खुलकर कर सकेंगे पैदल सैर
दून के ऐतिहासिक पलटन बाजार का स्वरूप आज दमघोटू हो गया है। सड़क पर आगे तक पसरी दुकानों से यहां पैदल चलना मुश्किल हो गया है। दून के इस सबसे पुराने बाजार की सांसें दोबारा लौटाने के लिए स्मार्ट सिटी में इसके 476 मीटर हिस्से का विकास किया जाएगा। मार्ग के दोनों तरफ सर्विस डक्ट बनाई जाएगी और फसाड (मुखौटा विधि) के अनुरूप सभी भवनों के आगे का हिस्सा एक समान दिखेगा। बुजुर्ग, विकलांग व गर्भवती महिलाओं के चलने के लिए गोल्फ कार्ट की सुविधा दी जाएगी। इन सबके लिए योजना में 13.10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
परेड ग्राउंड का बदलेगा स्वरूप, पैदल-साइकिल ट्रैक बनेंगे
बदहाल पड़े परेड ग्राउंड में भी जान फूंकी जाएगी। इसके लिए सबसे पहले गांधी पार्क को परेड ग्राउंड से जोड़ा जाएगा और वाहनों की आवाजाही यहां बंद कर दी जाएगी। परेड ग्राउंड को हरे-भरे मैदान में तब्दील कर पैदल चलने वाले लोगों व साइकिल चलाने वालों के लिए ट्रैक बनाए जाएंगे। वीआइपी स्टेज, वाटर एटीएम, स्मार्ट टॉयलेट, बैठने के लिए तमाम बेंच भी इसका हिस्सा होंगे।
204 करोड़ से बनेगी ग्रीन बिल्डिंग, एक छत के नीचे सभी कार्यालय
कल्पना कीजिए कि एक छत के नीचे कलेक्ट्रेट, विकास भवन समेत सभी जिला स्तरीय कार्यालय हों तो लोगों को कितनी राहत मिलेगी। यह सब भी स्मार्ट सिटी परियोजना में संभव हो सकेगा। क्योंकि मौजूदा समय में जहां पर कलेक्ट्रेट है, वहां तमाम कार्यालयों का निर्माण अनियोजित ढंग से किया गया है। इससे कलेक्ट्रेट परिसर में तो जाम की स्थिति बनी ही रहती है, इससे बाहर की सड़कों पर भी इसका असर नजर आता है। इसके लिए हरिद्वार रोड पर रोडवेज वर्कशॉप वाली भूमि पर ग्रीन बिल्डिंग बनाकर सभी जिला स्तरीय कार्यालयों को शिफ्ट किया जाएगा। इस पूरी योजना में 204.46 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
दून में दौड़ेंगी 30 एसी बसें, सुरक्षा को होंगे सीसीटीवी कैमरे
दून को स्मार्ट बनाने के लिए शहर के कई रूटों पर 30 इलेक्ट्रिक एसी बसें चलाई जाएंगी। इसके लिए 41.56 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इनमें 22 बसें 40 सीटर और आठ बसें 26 सीटर होंगी। इन बसों के संचालन से प्रदूषण की दर कम होगी और लोगों का सफर आरामदायक होगा। सुरक्षा के लिहाज से से सभी बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। बसों का संचालन तय रूटों पर सुबह छह बजे से रात नौ बजे तक किया जाएगा और हर 15 मिनट के अंतराल पर बसें चलेंगी।
यह होंगे बसों के रूट
-एयरपोर्ट-रेलवे स्टेशन-आइएसबीटी-घंटाघर।
-आइएसबीटी-रेलवे स्टेशन-घंटाघर-जाखन-मसूरी डायवर्जन।
-आइएसबीटी-रेलवे स्टेशन-घंटाघर-कैनाल रोड-आइटी पार्क।
-सुद्धौवाला-प्रेमनगर-घंटाघर-रिंग रोड-रायपुर।
बनेंगे 169 स्मार्ट बस स्टॉप, मिलेगी वाईफाई की सुविधा
15.72 करोड़ रुपये की लागत से दून में 169 स्मार्ट बस स्टॉप का निर्माण किया जाएगा। इनमें 76 नए स्टॉपेज व शेष पुराने स्टॉपेज को आधुनिक रूप दिया जाएगा। इन स्टॉपेज पर लोगों के लिए वाईफाई की सुविधा भी रहेगी।
बदलेंगी 40-50 साल पुरानी पेयजल लाइनें, लगेंगे स्मार्ट वाटर मीटर
स्मार्ट सिटी के एरिया बेस्ड डेवलपमेंट (एबीडी) के तहत परियोजना क्षेत्र में 40-50 साल पुरानी जर्जर पेयजल लाइनों को बदला जाएगा। योजना में 198 ट्यूबवेल व 72 ओवरहेड टैंकों का ऑटोमेशन (स्वचालन) को स्काडा प्रणाली से जोड़ा जाएगा। इससे स्पष्ट होगा कि कौन सा ट्यूबवेल कितनी देर चला और कितने पानी का दोहन किया गया। नए ट्यूबवेल का निर्माण व राइजिंग मेन (मुख्य लाइन) बिछाने का काम भी योजना का हिस्सा है। पानी के नियंत्रित दोहन व बर्बादी रोकने को स्मार्ट वाटर मीटर लगाए जाएंगे। ये मीटर ऑटोमेटिक मीटर रिकॉर्डिंग की तकनीक पर आधारित होंगे। ऐसे मीटर की रीडिंग के लिए मीटर रीडर को उपभोक्ताओं के घर में प्रवेश करने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि वह 50 से 100 मीटर तक की दूरी से ही मीटर की रीडिंग को रिकॉर्ड कर सकते हैं। इसके बाद पानी के बिल एसएमएस या ईमेल के जरिये भेजे जा सकेंगे। प्रथम चरण में 6492 घर व प्रतिष्ठानों को वाटर मीटर से जोड़ा जाएगा।
योजना का यह होगा स्वरूप
-ट्यूबवेल-ओवरहेड टैंकों का ऑटोमेशन, 54.40 करोड़ रुपये।
-जर्जर लाइनों को बदलना व नया निर्माण, 23.11 करोड़ रुपये।
-स्मार्ट वाटर मीटरिंग, 9.48 करोड़ रुपये।
इनसे भी दून बनेगा स्मार्ट
मद, लागत (करोड़ रुपये में)
-वाटर एटीम, 1.98
स्मार्ट टॉयलेट, 1.81
स्मार्ट एजुकेशन, 5.92
एमडीडीए पार्क में स्मार्ट सॉल्यूशन, 4.5
स्मार्ट वेस्ट व्हीकल, 0.3
सचिवालय में शिशु पालन केंद्र, 0.90
असफलता और धीमी चाल के बाद अब रफ्तार पकड़ने का समय
करीब तीन साल पहले जून 2017 में दून का चयन स्मार्ट सिटी परियोजना में चौथे प्रयास में किया जा सका। चाय बागान की जमीन पर नया शहर बसाने के साथ दून में प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था तो 98 शहरों की सूची में हम सबसे आखिरी थी। इसके बाद बेहद बड़े आकार को परियोजना का हिस्सा बनाया गया तो फिर हमारी उम्मीदों को झटका लग गया। इसके बाद शहर के 875 एकड़ में स्मार्ट सिटी के विकास का संशोधित प्रस्ताव भेजने के बाद बेहद अंक अंतर से दून फिर चूका। चौथे प्रयास में जाकर 30 शहरों की सूची में हम 16वें नंबर पर रहे। हालांकि, इसके बाद देहरादून स्मार्ट सिटी लि. कंपनी के गठन, कार्यालय खोलने और अधिकारियों की तैनाती में डेढ़ साल का वक्त बीत गया। अब जाकर पिछले कुछ समय से प्रस्तावों पर तेजी से काम चल रहा है। यदि इस रफ्तार में जरा भी कमी आई तो हम फिर से पिछड़ जाएंगे। क्योंकि अभी योजना का स्वरूप 1407.5 करोड़ रुपये का है और समय के साथ यह लागत बढ़ती चली जाएगी।
डॉ. आशीष श्रीवास्तव (मुख्य कार्यकारी अधिकारी, देहरादून स्मार्ट सिटी लि. कंपनी) का कहना है कि दून को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए पूरी रफ्तार से काम चल रहा है। करीब 900 करोड़ रुपये के काम शुरू होने जा रहे हैं और शेष पर जल्द टेंडर जारी कर दिए जाएंगे। डेढ़ से दो साल की अवधि में दून में बदलाव नजर आने लगेगा।