उत्तराखण्ड

मुख्यमंत्री धामी ने खटीमा गोलीकांड की 26वीं वर्षगांठ पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की, आंदोलनकारियों का बलिदान हमेशा रहेगा याद

देहरादून मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड आंदोलन के दौरान घटित खटीमा गोलीकांड के शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा कि शहीदों और राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप उत्तराखंड को सरसब्ज बनाने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है।

खटीमा गोलीकांड की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य निर्माण आंदोलन में प्राणों की आहुति देने वाले आंदोलनकारियों के बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाने को सरकार प्रतिबद्ध है। राज्य के विकास को और अधिक गति देने के साथ ही पलायन की रोकथाम, रोजगार, शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार प्राथमिकता से कार्य कर रही है।

खटीमा गोलीकांड की बरसी आज, आंदोलनकारी करेंगे रक्तदान

उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान खटीमा गोलीकांड के शहीदों की 26वीं बरसी पर आज राज्य आंदोलनकारी संगठन शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि देंगे। इसके साथ ही रक्तदान शिविर भी लगाया जाएगा। राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने बताया कि राज्य आंदोलन में संयुक्त समिति के अध्यक्ष रहे रणजीत सिंह वर्मा की स्मृति में रक्तदान शिविर लगाया जाएगा।

मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा कि राज्य गठन के बाद भी मसूरी, मुजफ्फरनगर, खटीमा, देहरादून के शहीदों के स्वजनों को न्याय नहीं मिला। उन्होंने कहा कि खटीमा में शहीद के स्वजन पेंशन को लेकर जिला प्रशासन के चक्कर काटने को मजबूर हैं, लेकिन उनकी कोई नहीं सुन रहा है।

गुलाटी बने वनिता आश्रम के प्रधान

आर्य समाज, धामावाला की ओर से संचालित श्री श्रद्धानंद बाल वनिता आश्रम, तिलक रोड की प्रबंध कार्यकारिणी का गठन किया गया, जिसमें सुधीर गुलाटी प्रधान चुने गए। मंगलवार को आर्य समाज के धामावाला स्थित मंदिर में हुए कार्यक्रम में धीरेेंद्र मोहन सचदेव अधिष्ठाता, सुभाष चंद्र गोयल सह-अधिष्ठाता, स्नेहलता खट्टर कोषाध्यक्ष, नारायणदत्त पांचाल सह- कोषाध्यक्ष, सतीष चंद्र भंडाराध्यक्ष और सुदेश भाटिया व्यवस्थाध्यक्ष चुने गए।

नवनिर्वाचित प्रधान सुधीर गुलाटी ने कहा कि आश्रम की स्थापना 17 फरवरी 1924 को आर्य समाज देहरादून (धामावाला) के प्रबंधन की ओर से की गई थी। शुरू में इसे आर्य अनाथालय नाम दिया गया, जो आर्य समाज धामावाला के परिसर से केवल दो बच्चों के साथ शुरू हुआ। स्वामी श्रद्धानंद की प्रेरणा से स्थापित इस अनाथालय का नाम उनके बलिदान के उपरांत बदल कर श्री श्रद्धानंद बाल वनिता आश्रम रखा गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button